(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UN की मेजबानी वाली बैठक में कैसे पहुंचा तालिबान, वहां जाकर जलवायु परिवर्तन पर जताई चिंता, कैसे मिली मीटिंग में जगह
Taliban in UN: संयुक्त राष्ट्र की मेजबानी में आयोजित जलवायु वार्ता में तालिबान ने हिस्सा लिया है. इस दौरान उसने कहा कि सभी देशों को एक साथ काम करना होगा.
Taliban in UN: संयुक्त राष्ट्र की मेजबानी में आयोजित जलवायु वार्ता में तालिबान के नेतृत्व वाले अफगानिस्तान प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया है. ये पहली बार हुआ है जब अफगानिस्तान ने तालिबान के कब्जे के बाद किसी वैश्विक मंच पर वापसी की है. अजरबैजान की राजधानी बाकू में ये बैठक हो रही है.
इस बैठक में तालिबानी नेता उस समय पहुंचे हैं, जब अफगानिस्तान में उनके शासन को आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है. समाचार एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस सम्मलेन में तालिबान प्रतिनिधिमंडल को पर्यवेक्षक का दर्जा देकर शामिल किया गया था.
'वैश्विक सहायता की है जरूरत'
तालिबान प्रतिनिधिमंडल सोमवार को अफगानिस्तान में जलवायु परिवर्तन पर काम के लिए समर्थन जुटाने के लिए बांकू पहुंचा था. इस दौरान अफगानिस्तान की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के प्रमुख मतुइल हक खलीस ने कहा, "अफगानिस्तान पर जलवायु परिवर्तन का सबसे जादा असर हो रहा है. हमें इस चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक मदद की जरूरत है."
'सभी देशों को साथ में आने की जरूरत'
अफगानिस्तान की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के प्रमुख मतुइल हक खलीस ने आगे कहा, "जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सभी देशों को साथ में आना होगा. विशेषज्ञों ने अफगानिस्तान को जलवायु प्रभावों के लिए दुनिया का छठा सबसे संवेदनशील देश कहा है. इस साल भी अफगानिस्तान के उत्तरी हिस्से में भारी बारिश के चलते बाढ़ आई थी. इस आपदा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. जलवायु वैज्ञानिकों की मानें तो अफगानिस्तान में पिछले 40 सालों में बारिश की घटनाओं में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है."
उठाई ये बड़ी मांग
मतुइल हक खलीस ने अमेरिका समेत विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय चर्चा का प्रस्ताव रखा है. इस दौरान उन्होंने आमंत्रण मिलने पर सहयोग की इच्छा जताई है. इस दौरान उन्होंने कहा, "जलवायु परिवर्तन का असर पूरे विश्व पड़ेगा. इसका असर महिलाओं, बच्चों, पुरुषों, पौधों और जानवरों सभी पर पड़ता है. ऐसे में सभी को एकसाथ प्रयास करना चाहिए."