Afghanistan Crisis: पंजशीर पर भी तालिबान ने किया कब्जा, अब पूरे अफगानिस्तान पर हुआ कंट्रोल- रिपोर्ट
Afghanistan Crisis: रॉयटर्स ने तालिबान के सूत्रों के हवाले से कहा कि पंजशीर पर भी तालिबान का कब्जा हो गया था, जो अभी तक उनके नियंत्रण में नहीं था.
Afghanistan Crisis: तालिबान बलों ने पंजशीर घाटी पर भी कब्जा कर लिया है. रॉयटर्स ने तालिबान के सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी. यानी इसके साथ ही तालिबान का पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा हो गया है. अभी तक पंजशीर, अफगानिस्तान का ऐसा इलाका था जहां पर तालिबान का कब्जा नहीं हो पाया था.
पंजशीर अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से केवल एक ऐसा प्रांत था जो उसके नियंत्रण में नहीं था. पंजशीर घाटी को नार्दन अलॉयंस का गढ़ कहा जाता है. पंजशीर हमेशा तालिबान को चुनौती पेश करता है. पंजशीर प्रांत काबुल के उत्तर-पश्चिम में उतरा एक पहाड़ी घाटी है जिसे शेरों की भूमि के रूप में जाना जाता है. भूगोल अब सैकड़ों अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों, विशेष बलों और मिलिशिया का घर है, जिसका नेतृत्व मारे गए अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद करते आ रहे हैं.
"Taliban forces have taken full control of Afghanistan including the Panjshir valley where opposition forces had been holding out," Reuters quoted Taliban sources as saying pic.twitter.com/EVWI6H0fhW
— ANI (@ANI) September 3, 2021
बता दें कि पंजशीर पर तालिबान के कब्जे की खबर ऐसे समय में आई है जब शनिवार को अफगानिस्तान में तालिबान अपनी हुकूमत का आधिकारिक एलान करने वाला है. सरकार के गठन से संबंधी घोषणा शुक्रवार को की जानी थी लेकिन तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को एक दिन के लिए टाल दिया गया है. मुजाहिद ने कहा कि नई सरकार के गठन की घोषणा अब शनिवार को की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि कतर की राजधानी दोहा में स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान की सरकार के प्रमुख हो सकते हैं.
तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि समूह, काबुल में ईरानी नेतृत्व की तर्ज पर सरकार गठन का ऐलान करने के लिए तैयार है जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अखुनजादा अफगानिस्तान में सर्वोच्च प्राधिकारी होंगे. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को दो सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है. तालिबान के सूचना एवं सांस्कृतिक आयोग में वरिष्ठ अधिकारी मुफ्ती इनामुल्लाह समांगनी ने कहा, “ नई सरकार पर सलाह-मशविरा करीब-करीब पूरा हो चुका है और कैबिनेट को लेकर भी जरूरी चर्चा कर ली गई है.
ईरान में, सर्वोच्च नेता देश का सर्वोच्च राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी है. उसका दर्जा राष्ट्रपति से ऊंचा होता है और वह सेना, सरकार और न्यायपालिका के प्रमुखों की नियुक्ति करता है. सर्वोच्च नेता का देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में निर्णय अंतिम होता है. उन्होंने कहा, “मुल्ला अखुनजादा सरकार के नेता होंगे और इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए.” उन्होंने संकेत दिया कि राष्ट्रपति उनकी देखरेख में काम करेंगे.
मुल्ला अखुनजादा तालिबान के शीर्ष धार्मिक नेता हैं और वह 15 साल तक बलूचिस्तान प्रांत के कछलाक इलाके में एक मस्जिद में कार्यरत रहे हैं. समांगनी ने कहा कि नए सरकारी ढांचे के तहत प्रांत गवर्नरों के जिम्मे होंगे जबकि जिला गवर्नर अपने-अपने जिलों की जिम्मेदारी संभालेंगे. तालिबान प्रांतों और जिलों के लिए गवर्नर, पुलिस प्रमुख और पुलिस कमांडरों की पहले ही नियुक्ति कर चुका है. उन्होंने कहा कि नई शासन प्रणाली के नाम, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.
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