Mullah Umar Car: तालिबान के लड़ाकों ने 21 साल बाद खोद निकाली आका की कार, अमेरिका के डर से दफ्न करके भागा था मुल्ला उमर
Taliban Founder Car: तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर की कार को उसके लड़ाकों ने खोद निकाला है. ये वही कार बताई जा रही है जिससे उमर अमेरिका से बचने के लिए कंधार से जाबुल भागा था.
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Mullah Umar: तालिबान (Taliban) के संस्थापक मुल्ला उमर (Mullah Umar) की कार को उसके लड़ाकों ने 21 साल बाद खोद के निकाला है. साल 2001 में 9/11 हमले के बाद जब अमेरिका (America) की सेना अफगानिस्तान में घुसी तो तालिबानी मुल्ला उमर इसे दफ्न करके भाग गया था. ये वही कार (Mullah Umar Car) है जब अमेरिकी सेना (US Army) अफगानिस्तान (Afghanistan) में घुसी थी तो एक आंख वाला मुल्ला उमर इसी से भागा था. वो इस कार की मदद से कंधार (Kandhar) से जाबुल (Jabul) तक गया था. यहीं से इस कार को खोद के निकाला गया है.
अब ये कार मिल गई है तो इस कार की तस्वारें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं. अब 2022 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता है, जिसके बाद तालिबानियों ने अपने संस्थापक की कार को खोजने का निश्चय किया. ज़ाबुल राज्य से ये कार बरामद हुई है. खुदाई के दौरान कार ये प्लास्टिक में लिपटी हुई मिली और सही सलामत हालत में है. एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि कार ठीक स्थिति में है, बस उसका आगे का शीशा टूटा है.
म्यूजियम में रखी जाएगी कार
इस कार को अफगानिस्तान के राष्ट्रीय म्यूजियम में जल्द ही प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा. बता दें कि 1960 में दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार में मुल्ला उमर का जन्म हुआ था. मुल्ला उमर ने 1980 में सोवियत संघ की सेना के खिलाफ युद्ध लड़ा था. इस युद्ध में उसकी एक आंख नहीं रही. तब से वो एक आंख वाला मुल्ला उमर कहलाने लगा. हालांकि, सोवियत से जंग के बाद मुल्ला उमर ने 1994 में तालिबान की स्थापना की और 1996 में उसने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया.
2013 में हो गई थी मुल्ला उमर की मौत
मुल्ला उमर (Mullah Umar) अपनी मौत तक तालिबान (Taliban) का नेता बना रहा. बताते हैं कि साल 2013 में ही लंबी बीमारी के चलते मुल्ला उमर की मौत हो गई थी. हालांकि, तालिबान ने अपने कमांडर की मौत की खबर को दो साल तक छिपाकर रखा था. साल 2015 में दुनिया के सामने आया कि मुल्ला उमर की मौत हो चुकी है. वहीं कई रिपोर्ट कहती हैं कि मुल्ला उमर का पाकिस्तान (Pakistan)के एक अस्पताल (Hospital) में इलाज हुआ था.
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