आफगानिस्तान: पांच साल अमेरिका की कैद में रहने वाले आतंकी को तालिबान ने बनाया रक्षा मंत्री, नागरिकों के देश छोड़ने पर रोक
अब्दुल कय्यूम को मुल्ला उमर का करीबी माना जाता था. अफगानिस्तानी मीडिया के मुताबिक मुल्ला उमर तालिबान और अफगान सेना की शांति वार्ता का विरोधी था
काबुल: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान ने सरकार चलाने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं. इसके लिए प्रांतों में गवर्नर की तैनाती के साथ ही अलग अलग विभाग बनाकर जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. तालिबान ने दुनिया की सबसे खतरनाक जेल का कैदी और शांतिवार्ता के विरोधी को देश के रक्षा विभाग की कमान सौंपी है.
देश की राजधानी में राष्ट्रपति भवन फतह जैसी बड़ी जिम्मेदारी के लिए तालिबान ने अब्दुल कय्यूम जाकिर पर भरोसा किया. राष्ट्रपति अशरफ गनी के फरार होने के बाद राष्ट्रपति भवन में सबसे पहले घुसने वाले आतंकियों में अब्दुल कय्यूम जाकिर ही शामिल था. ईनाम के रूप में अब अब्दुल कय्यूम को तालिबान ने इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान का नया रक्षा मंत्री बनाया है.
कौन है अफनागिस्तान का नया रक्षामंत्री ब्दुल कय्यूम जाकिर ?
अब्दुल कय्यूम जाकिर 48 साल का है, जाकिर का जन्म अफगानिस्तान के हेलमंड में हुआ था. अब्दुल कय्यूम जाकिर की गिनती खूंखार तालिबानी के रूप में होती है. इसी वजह से वर्ल्ड ट्रेड टावर पर हमले के बाद अमेरिका ने गिरफ्तार करके जाकिर को क्यूबा में अपने बनाए सबसे खतरनाक जेल ग्वांटनामो बे भेज दिया.
ग्वांटनामो बे में दुनियाभर के सबसे बड़े आतंकियों को कैद किया जाता था. अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक अमेरिका ने अपने नेवी बेस को ही जेल में तब्दील कर दिया था जहां कैदियों को नारंगी ड्रेस में पिंजरेनुमा बाड़े में रखा जाता था.
जाकिर ग्वांटनामो जेल में 2002 से 2007 तक कैद रहा. रिपोर्ट के मुताबिक ये जेल इतनी खतरनाक थी कि 9/11 हमले के बाद यहां कैद किए. 40 आतंकियों के लिए करीब 1800 जवान तैनात किए गए और हर कैदी पर सालाना औसतन 73 करोड़ और सैनिकों की सुरक्षा पर 3900 करोड़ रुपये खर्च होता था.
अब्दुल कय्यूम को मुल्ला उमर का करीबी माना जाता था. अफगानिस्तानी मीडिया के मुताबिक मुल्ला उमर तालिबान और अफगान सेना की शांति वार्ता का विरोधी था और अफगानिस्तान में चुनाव के दौरान हिंसा की जिम्मेदारी भी उसे सौंपी गई थी. साथ ही अब्दुल कय्यूम जाकिर के कई साल पाकिस्तान में भी रहने का दावा किया जाता है.. पंजशीर में अफगानी सेना के साथ जारी जंग और अमेरिकी सेना के लिए डेडलाइन के एलान के बीच जाकिर पर ये जिम्मेदारी बड़ी हो जाती है.
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