Afghanistan News: तालिबान का नया फरमान, महिला टेलीविजन एंकरों को हिजाब पहनने का निर्देश
Taliban Administration in Afghanistan: अगस्त में सत्ता संभालने के बाद से ही तालिबान ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्लामी कानून के मानदंडों के भीतर महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया था.
Afghan News: पिछले रविवार को तालिबान की अफगान सरकार ने अफगान मीडिया के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए. जिसमें महिला टेलीविजन एंकरों को हिजाब पहनने का सख्त निर्देश दिया गया है. रविवार को पत्रकारों के साथ बैठक में तालिबान सरकार में कार्यवाहक मंत्री मौलवी मुहम्मद खालिद हनफी ने अफगान मीडिया को प्रसारण संबंधी आठ बिंदुओं वाले नए फरमान जारी किए हैं. अफगान मीडिया के अनुसार, मौलवी हनफ़ी ने एकत्रित पत्रकारों से तालिबान सरकार का सहयोग करते हुए सरकार के खिलाफ हो रहे नेगेटिव प्रोपगंडा से बचने का निर्देश दिया.
क्या है तालिबान द्वारा मीडिया को जारी निर्देश
- मीडिया को ऐसी किसी भी फिल्म को प्रसारित करने की इजाजत नहीं होगी जो शरिया (इस्लामी कानून) और अफगानी मूल्यों के सिद्धांतों के खिलाफ हो.
- उन विदेशी और घरेलू फिल्में के प्रसारण की इजाजत नहीं होगी जो अफगान समाज में विदेशी संस्कृति और परंपराओं का प्रसार करती हों.
- हास्य और मनोरंजन के कार्यक्रम किसी का अपमान करने के लिए नहीं होने चाहिए.
- पुरुष शरीर के अंतरंग हिस्सों को दिखाने वाले वीडियो/फिल्म के प्रसारण पर रोक.
- मीडिया में महिला एंकरो/पत्रकारों को हिजाब पहनना अनिवार्य होगा.
- धार्मिक मान्यताओं या मानवीय गरिमा का अपमान करने वाले नाटकों के प्रसारण पर रोक.
- पैगंबर मोहम्मद से संबंधित सभी कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश.
अगस्त में सत्ता संभालने के बाद से ही तालिबान ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्लामी कानूनों के मानदंडों के भीतर महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया था. लेकिन, उन्होंने उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. इसके अलावा प्रेस की स्वतंत्रता का वादा करने के बावजूद उन्होंने अभी कुछ दिन पहले कई पत्रकारों के साथ मारपीट कर उनको परेशान करने के कई मामले सामने आ चुके हैं. तालिबान के अनुसार वह चाहते हैं कि निजी मीडिया स्वतंत्र रहे और उनकी कमियों की आलोचना करे. लेकिन उनके एक प्रवक्ता के अनुसार मीडिया को उनके 'राष्ट्रीय मूल्यों' के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए और ऐसी किसी भी खबर के प्रकाशन से बचना चाहिए जो उनके खिलाफ नेगेटिव प्रोपेगेंडा का निर्माण करती हो.
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