काबुल: अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार के आंतरिक (गृह) मंत्रालय ने कई दिनों से जारी प्रदर्शनों को खत्म कराने के लिए फरमान जारी किया है. आंतरिक मंत्री ने देश में सभी तरह के प्रदर्शनों को खत्म कराने के लिए यह आदेश जारी किया है जिसके तहत प्रदर्शनकारियों को किसी भी तरह का प्रदर्शन करने के लिए पूर्व में अनुमति लेनी होगी. इसके अनुसार उन्हें प्रदर्शन में लगने वाले नारों और बैनरों के लिए भी पहले ही मंजूरी लेनी होगी.
इस बात की संभावना बहुत कम है कि देश के कट्टरपंथी इस्लामी शासकों से अपने अधिकारों की मांग को लेकर लगभग रोजाना हो रहे प्रदर्शनों की अगुवाई कर रही महिलाओं को नए नियमों के तहत प्रदर्शन करने की इजाजत होगी. मंत्रालय के बयान के मुताबिक, सभी नागरिकों के लिए घोषणा की जाती है कि वे मौजूदा वक्त में किसी तरह का प्रदर्शन किसी भी नाम के तहत करने का प्रयास न करें. देश में जारी प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क्रूरतापूर्ण कार्रवाई की गई है.
तालिबान और पाकिस्तान के खिलाफ हो रहा है प्रदर्शन
दरअसल, अफगानिस्तान में हिजाब पहने हुए महिलाओं समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारी 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाते हुए काबुल की सड़कों पर उतर आए. पाकिस्तान मुर्दाबाद, और आजादी जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी काबुल में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर जमा हो गए और उन्होंने वहां के कर्मचारियों से अफगानिस्तान से जाने को कहा. एक बड़े बैनर पर लिखा था, 'पाकिस्तान, पाकिस्तान, छोड़ दो अफगानिस्तान'.
विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि वे अफगानिस्तान में कठपुतली सरकार नहीं चाहते. तालिबान सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं लेकिन प्रदर्शन जारी रहे. अफगानिस्तान की टोलो न्यूज ने बताया कि तालिबान ने उनके कैमरापर्सन वाहिद अहमदी को रोक लिया और उनका कैमरा जब्त कर लिया. तालिबान के लोगों ने कुछ पत्रकारों को प्रदर्शन का वीडियो बनाने से भी रोका.
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