Taliban: तालिबान के कब्जे के बाद से 200 से ज्यादा पूर्व अफगानिस्तान सैन्य अधिकारी मारे गए, UN की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
Taliban Tyranny In Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पूर्व सरकार में काम करने वाले 200 से ज्यादा अधिकारियों की हत्याएं हो चुकी है. यूएन की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ.
Afghanistan: अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्ज़ा ज़माने के बाद तालिबान ने अफगानी लोगों पर जमकर अत्याचार किया है. अफगानी महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं. तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे को दो साल बीत चुके हैं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है.
यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान की पूर्व सरकार में काम करने वाले 200 से ज्यादा अधिकारियों की हत्याएं हो चुकी है. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने दो साल पहले तालिबान के अधिग्रहण के बाद अपनी पहली रिपोर्ट में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के 800 मामलों को शामिल किया है, जिसमें मनमाने ढंग से गिरफ्तारी और हिरासत, यातना और जबरन गायब होना शामिल है.
सैकड़ों लोगों को हिरासत में लेकर मारा गया
रिपोर्ट के अनुसार, सत्ता पर कब्जे के बाद तालिबान ने पूर्व सैन्य कर्मी, पुलिस कर्मी, ख़ुफ़िया विभाग से जुड़े और न्यायिक अधिकारियों को जमकर निशाना बनाया है. रिपोर्ट में कहा गया मारे गए लोगो को पहले हिरासत में लिया गया. जिसके बाद कुछ को हिरासत केंद्रों में ले जाया गया और हिरासत में ही मार दिया गया. वहीं, दूसरों को अज्ञात स्थानों पर ले जाया गया और मार डाला गया. इसमें से कुछ मृतकों के शवों को या तो फेंक दिया गया या उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया.
काबुल, कंधार में सबसे ज्यादा मामले
रिपोर्ट के अनुसार, वैसे तो इस तरह की घटनाएं सभी प्रांतों में देखने को मिली हैं. लेकिन काबुल, कंधार और बल्ख प्रांतों में कुछ ज्यादा लोगों को ही निशाना बनाया गया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने कहा कि यूएनएएमए की रिपोर्ट देश पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान की पूर्व सरकार और सुरक्षा बलों से जुड़े व्यक्तियों के साथ व्यवहार की एक गंभीर तस्वीर पेश करती है.
संयुक्त राष्ट्र के भी कई कर्मचारी लापता
रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाले लोगों को भी जमकर प्रताड़ित किया गया है. कुछ को जबरन हिरासत में लेकर उन्हें बांधकर पीटा गया, वहीं कुछ को एक ही जगह कई दिनों तक खड़ा रखने जैसी यातनाएं दी गईं. रिपोर्ट के अनुसार, आज भी यूएन के कई कर्मचारी लापता हैं.
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