Sharia law in Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबानी शासन लौटने के बाद से ही हालात बदतर होते जा रहे हैं. तालिबानी सरकार में शरिया कानून को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है. बच्चियों की पढ़ाई, महिलाओं को अकेले घूमने पर मनाही के बाद अब अपराधियों को शरिया कानून के हिसाब से सजा दी जाया करेगी. तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने इसके लिए अफगान जजों को शरिया कानून के हिसाब से सजा सुनाने का आदेश दिया है. इसके तहत अब कुछ अपराधों के लिए सार्वजनिक जगहों पर पत्थर मारने से लेकर अंग काटने तक की सजा सुनाई जा सकती हैं.
जज अब शरिया कानून से देंगे सजा!
तालिबानी नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के प्रवक्ता ने कहा कि डकैती, अपहरण और राजद्रोह जैसे अपराधों के लिए शरिया कानून के हिसाब से सजा दिया जाना चाहिए. अखुंदजादा ने कहा कि न्यायाधीशों को शरिया कानूनों के हिसाब से अपराधियों को दंड सुनाना चाहिए. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने रविवार देर रात ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हिबतुल्लाह अखुंदजादा की न्यायाधीशों के एक समूह के साथ मुलाकात के बाद अनिवार्य रूप से ये आदेश आया है.
तालिबानी शासन में आजादी पर पाबंदी
तालिबान के प्रवक्ता ने बताया कि जजों को अब चोरों, अपहरणकर्ताओं और देशद्रोहियों की फाइलों को सावधानीपूर्वक चेक करने के आदेश दिए गए हैं. ये आदेश इस बात का ताजा सबूत है कि तालिबान अब लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता पर पूरी तरह से लगाम लगा रहा है. हाल ही में तालिबान ने महिलाओं की आजादी पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें काबुल के सभी पार्कों में जाने पर रोक लगा दी है. राजधानी में महिलाओं के जिम जाने और पूल में नहाने पर रोक लगी हुई है.
शरिया कानून में किस तरह की मिलती हैं सजाएं?
तालिबान की ओर से किस अपराध में कौन सी सजा मिलेगी? इसको अभी तक परिभाषित नहीं किया गया है लेकिन अफगानिस्तान के एक धार्मिक बीबीसी से बातचीत में कहा कि शरिया कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर पत्थर मारना, कोड़े मारना और अंग काटने की सजा दी जा सकती है. उसने कहा कि शरिया कानून में इस तरह की सजाएं दी जाती हैं.
सार्वजनिक स्थानों पर दी जाती थी फांसी
बता दें कि 1990 के दशक में जब तालिबान सत्ता में था तो सार्वजनिक स्थानों पर फांसी भी दी जाती थी, जिसकी पूरी दुनिया में काफी निंदा की गई थी. हालांकि इस बार तालिबान ने संयमित तरीके से शासन करने का वादा किया था. सत्ता में वापसी करने के बाद से इस्लामी उग्रवाद संगठन ने लोगों के अधिकारों पर नकेल कस दी है. महिलाओं के अधिकारों को खासकर तौर पर प्रतिबंधित किया गया है.
क्या है शरिया कानून?
इस्लाम में शरिया एक तरह की कानूनी प्रणाली है. इसमें इस्लामिक किताब कुरान में लिखीं हदीस और सुन्नतों के आधार पर ही न्याय व्यवस्था को चलाया जाता है. इसमें पैगंबर मुहम्मद के कार्यों और उनकी बातों को ही पालन किया जाता है. जहां पर कुछ बातों का सीधे उत्तर नहीं मिल सके, वहां पर इस्लामिक धर्मगुरु के आदेश का पालन किया जा सकता है. कट्टर मुसलमान शरिया के हिसाब से ही अपना जीवन बिताने की कोशिश करते हैं.