Taliban: तालिबान शासित अफगानिस्तान में महिलाओं को लेकर आए दिन नए-नए फरमान जारी होते हैं. इसी कड़ी में अब नया फरमान जारी हुआ है. दरअसल, नए आदेश के अनुसार, कंधार प्रांत की महिलाएं अब शरणार्थी परियोजना पर काम नहीं कर सकती. इससे पहले भी अफगानिस्तान में महिलाओं को लेकर कड़े फैसले सुनाए गए हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में तालिबान अधिकारियों ने इस सप्ताह महिला सहायता कर्मियों को एक शरणार्थी परियोजना पर काम बंद करने का आदेश दिया. अफगानिस्तान में शरणार्थियों के लिए काम कर रहे मंत्रालय ने पत्र जारी करते हुए बताया कि शरणार्थियों की मदद कर रही कई एजेंसियों ने पाकिस्तान की सीमा के पास सटे कस्बे, स्पिन बोल्डक में सरकारी कानूनों का उल्लंघन किया है.
तालिबान ने जारी किया पत्र
रॉयटर्स की ओर से देखे गए पत्र की पुष्टि प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता ने की है. तालिबान की ओर से जारी बयान के अनुसार, सभी साझेदार संगठन जो स्पिन बोल्डक के शरणार्थी और प्रत्यावर्तन विभाग के साथ काम कर रहे हैं. उन्हें अपनी महिला सहकर्मियों से अपने काम पर न आने और अगली सूचना तक घर पर रहने के लिए कहना चाहिए.
सत्ता में आने के बाद तालिबान ने किया था वादा
गौरतलब है कि अगस्त 2021 में सत्ता में आने के बाद तालिबान ने कहा था कि यह 1990 वाला तालिबान नहीं है और बदल चुका है. उसने महिलाओं की आजादी को लेकर भी कई वादे किए थे. हालांकि, एक-एक कर वे सारे वादे तोड़े जा रहे हैं. यही वजह है कि तालिबान की चौतरफा आलोचना हो रही है.
तालिबान ने अफगानिस्तान में महिला शिक्षा के दरवाजे लगभग बंद कर दिए हैं. यूनिवर्सिटी में उनके जाने पर पाबंदी लगा दी गई है. तालिबान के आने के बाद बड़ी संख्या में महिलाओं को सरकारी नौकरियों से हटा दिया गया है. कई मामलों में तनख्वाहें घटा दी गईं और महिलाकर्मियों को घर भेज दिया गया. ऐसे में अफगान महिलाओं की हालत बेहद ख़राब है.
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