Afghanistan-Pakistan: पाकिस्तान आतंक को पालता-पोषता है. दहशतगर्दों को बढ़ावा देना उसका काम है. ये कुछ ऐसी बातें हैं, जिससे सारी दुनिया परिचित है. पाकिस्तान में ऑपरेट होने वाले आतंकी संगठनों ने किस तरह से भारत समेत दुनिया के अलग-अलग मुल्कों को जख्म दिए हैं. इससे सब वाकिफ हैं. तालिबान भी पाकिस्तान की आतंक परस्ती से परेशान हो चुका है और उसे खरी खोटी सुनाई है.
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक बार फिर से उन बातों से इनकार किया है कि पाकिस्तान में हमलों के लिए आतंकी अफगान की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान को आतंक के मुद्दे पर घेरते हुए खुद उससे कुछ तीखे सवाल पूछ लिए हैं. साथ ही सवाल उठाया है कि आतंकी घटनाएं सिर्फ पाकिस्तान में ही क्यों बढ़ रहे हैं.
'पाकिस्तान में ही क्यों आतंकवाद बढ़ा है?'
जबीउल्लाह मुजाहिद ने पूछा, 'पाकिस्तान में ही क्यों आतंकवाद बढ़ा है? हमें लगता है कि पाकिस्तान को खुद अपनी सीमाओं के अंदर ही जवाब तलाशने की जरूरत है.' मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसियां देश की सुरक्षा के लिए अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा इस्तेमाल कर रही हैं. इसलिए उन्हें अपनी कमियों के लिए अफगानिस्तान को दोष नहीं देना चाहिए.
PAK से परेशान हुआ अफगानिस्तान
पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों की वजह से जिस तरह भारत परेशान रहता है. ठीक उसी तरह से अफगानिस्तान भी पाकिस्तान की नापाक हरकतों से परेशान है. मुजाहिद ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के 18 आतंकियों को ढेर किया गया. उनकी पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के तौर पर हुई है. लेकिन हमने किसी पर उंगली उठाने के बजाय अपने देश की सुरक्षा करना ज्यादा सही समझा.
तालिबानी प्रवक्ता ने आगे कहा कि अपनी जमीन का इस्तेमाल अपने देश के खिलाफ नहीं करने देने का मतलब यह नहीं है कि दूसरे देशों में जो हो रहा है, उसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों से लड़ने के लिए एक-दूसरे पर उंगली उठाने की बजाय एक संयुक्त योजना बनाने की जरूरत है.
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