Taliban Pakistan Relationship: पहली बार तालीबान को खतरा महसूस हो रहा है. अफगानिस्तान के इस्लामिस्ट तालीबानी शासन को अपने पड़ोसी पाकिस्तान से डर लग रहा है. स्वतंत्र पत्रकार बिलाल सरवारी ने एक इंटरनल मेमो का हवाला देते हुए कहा कि पहली बार तालिबान ने पाकिस्तान से खतरा बताया है. तालीबान ने ये भी बताया है कि साल 2000 से 2021 तक वो सुरक्षित थे.
2002-2021 तक तालिबान सुरक्षित!
पत्रकार बिलाल सरवारी ने ट्वीट करते हुए अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय का एक लेटर जारी किया है. सरवारी ने कहा, "तालिबान के लीक हुए एक आंतरिक मेमो में पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र के अंदर एक ISKP (आतंकी गुट) प्रशिक्षण शिविर की रिपोर्ट दी गई है. ISKP के पाकिस्तान से अफगानिस्तान के लोगर में बड़े पैमाने पर होने की चेतावनी दी गई है. यह कहानी में एक दिलचस्प मोड़ है, जिसमें पहली बार तालिबान ने पाकिस्तान से खतरों की रिपोर्ट दी है, यह क्षेत्र 2002-2021 तक तालिबान का सुरक्षित ठिकाना था."
तालीबन-पाकिस्तान के रिश्ते मुश्किल दौर में
तालीबन और पाकिस्तान के रिश्ते अब काफी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. एक तरफ तालिबान को पाकिस्तान से खतरा महसूस हुआ तो दूसरी तरफ तालीबान का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान को गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ा. मगर, इस समय तालीबान, पाकिस्तान के लिए गंभीर खतरा बनकर उभरा है. अफगानिस्तान से लगी पाकिस्तानी सीमा पर तालीबानी समर्थित आतंकवादी ग्रुप टीटीपी ने कई बार हमले किए हैं.
पाकिस्तान की सरकार ने आरोप लगाया है कि उसके सैनिकों का खून बहाने वाले टीटीपी आतंकियों को अफगानिस्तान में शरण मिल रही है. पाकिस्तान ने यह भी इरादा जाहिर किया है कि वह अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी पर हमला करने से पीछे नहीं हटेगा. पाकिस्तान के इस बयान पर तालिबानी आतंकी भड़क गए हैं और उन्होंने टीटीपी को लेकर लगे आरोपों को आधारहीन करार दिया है.
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