Afghanistan: फिर सामने आया तालिबान का क्रूर चेहरा, बदख्शां में 2 महिलाओं सहित 11 लोगों की सरेआम पिटाई की
Afghanistan News: तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदज़ादा ने न्यायाधीशों को अदालतों में शरीया कानून लागू करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद से सार्वजनिक सजा देने की प्रथा शुरू हुई है.
![Afghanistan: फिर सामने आया तालिबान का क्रूर चेहरा, बदख्शां में 2 महिलाओं सहित 11 लोगों की सरेआम पिटाई की Taliban publicly lashes 11 people including 2 women in Afghanistan Badakhshan province Afghanistan: फिर सामने आया तालिबान का क्रूर चेहरा, बदख्शां में 2 महिलाओं सहित 11 लोगों की सरेआम पिटाई की](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/18/ec8f1df64f51bc3720a8b7d35f1f5b8d1676711723741607_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Taliban publicly lashes 11 people: अफगानिस्तान पर जब से तालिबान का कब्जा हुआ है, मुल्क में रहने वालों पर अत्याचार बढ़ गया है. तालिबानी शासन में खासतौर पर महिलाओं की आजादी छीन ली गई है. मुल्क में अब पूरी तरह से शरीया कानून लागू हो चुके हैं. लोगों को शरीया कानून के हिसाब से ही सजा देने का चलन शुरू हो चुका है. ऐसा ही एक मामला बदख्शां प्रांत में सामने आया है.
अफगानिस्तान स्थित समाचार एजेंसी खामा प्रेस के मुताबिक, तालिबान के सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत के फैजाबाद में एक खेल मैदान में शुक्रवार को दो महिलाओं सहित 11 लोगों को सरेआम पीटा गया. खामा प्रेस ने एक आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए बताया कि उन (पीड़ितों) पर नैतिक अपराध और व्यभिचार का आरोप लगाते हुए उत्तरी बदख्शां प्रांत में भारी भीड़ के सामने तालिबान की ओर से 11 लोगों की पिटाई की गई.
250 लोगों को मिल चुकी सार्वजनिक सजा
खामा प्रेस के अनुसार, इससे पहले तालिबान सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक दक्षिणी हेलमंद प्रांत के ग्रिशक जिले में 16 लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए थे. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान के विभिन्न प्रांतों में कम से कम 250 लोगों को विभिन्न अपराधों के आरोप में सार्वजनिक रूप से पीटने की सजा सुनाई जा चुकी है.
अदालतों में शरिया कानून लागू हुआ!
खामा प्रेस के अनुसार, तालिबान समूह के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदज़ादा ने न्यायाधीशों से अदालतों में अपने फैसलों में शरीया कानून लागू करने के लिए आदेश दिया था. इसके बाद नवंबर में तालिबान की ओर से सार्वजनिक दंड की प्रथा शुरू हुई है. पिछले महीनों में, तालिबान द्वारा संचालित प्रशासन ने हेलमंद, फराह, ताखर, लोगार, काबुल, बदख्शां, उरुजगन, जावजान, परवान, पक्तिया, पक्तिका, लघमन, और कुछ अन्य प्रांतों सहित विभिन्न प्रांतों में सैकड़ों लोगों की पिटाई की है.
गर्भ निरोधक दवाओं पर लगाया बैन
हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान में गर्भ निरोधकों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. तालिबान का दावा किया है कि महिलाओं द्वारा गर्भ निरोधकों की बिक्री का उपयोग मुस्लिम आबादी को नियंत्रित करने के लिए एक पश्चिमी साजिश है. द गार्जियन के अनुसार, तालिबान घर-घर जा रहा है, दाइयों को धमका रहा है और फार्मेसियों को सभी जन्म नियंत्रण दवाओं और उपकरणों की अलमारियों को खाली करने का आदेश दे रहा है.
ये भी पढ़ें-Turkiye Earthquake: तुर्किए के इस्तांबुल में भूकंप से मच सकती है तबाही? वैज्ञानिकों ने सरकार को किया आगाह
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)