काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए तालिबानी हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के साथ शांति समझौते से पीछे हटने का ऐलान किया है. अब उनके इस ऐलान के बाद तालिबान ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि ट्रंप के इस फैसले के बाद और ज्यादा अमेरिकी नागरिकों की जान जाएगी. रविवार देर रात तालिबान ने ट्रंप के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए संकेत दिया कि अब अमेरिका को बड़ा नुकसान होगा.


तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद की तरफ से यह बयान जारी किया गया. अपने बयान में उसने कहा, '' जिस वक्त डोनाल्ड ट्रंप हमले की दुहाई दे रहे हैं उसी वक्त अमेरिका की सेनी भी वेसा ही कर रही है. वह भी अफगानिस्तान में लगातार बम बरसा रही है. ट्रंप के फैसले से और लोगों की जान जाएगी, शांति भंग होगी.''


क्या कहा था ट्रंप ने


बता दें कि अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच एक दशक के चल रहे युद्ध को खत्म करने को लेकर अमेरिका और तालिबान अब तक नौ चरणों में शांति वार्ता कर चुके हैं, जो हालिया घोषणा के बाद बेनतीजा रहीं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि रविवार को ‘कैंप डेविड’ में तालिबान के बड़े नेता और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ अलग-अलग गोपनीय बैठक करनी थी. वे लोग शनिवार देर अमेरिका आने वाले थे. दुर्भाग्य से वे सिर्फ झूठा दिलासा देने के लिए आ रहे थे. उन्होंने (तालिबान ने) काबुल में हुए हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें हमारा एक महान सैनिक और 11 लोग मारे गए. मैंने तत्काल इस बैठक को रद्द कर दिया और शांति वार्ता रोक दी.''


अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भी शांति समजोते से किया इनकार


इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. इसकी वजह प्रस्तावित समझौते में अफगानिस्तान में अलकायदा को हराने के लिए अमेरिकी बलों के बने रहने या लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार की कोई गारंटी नहीं होने का बताया गया था.


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