Attacks In Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद एक तरफ जहां लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ लगातार आईएस से जुड़े आतंकी संगठनों की तरफ से निशाना बनाकर उनके ऊपर हमले किए जा रहे हैं. इस बीच, तालिबान ने यह उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद वह ऐसे हमलों पर काबू पा लेगा. तालिबान को ऐसा लग रहा है कि एक विदेश सैनिकों की वापसी और तालिबान के नेतृत्व में इस्लामिक सरकार का गठन होगा, उसके बाद आईएस से प्रभावित लोग अफगानिस्तान के लोगों के ऊपर हमले करना बंद कर देंगे.


तालिबान ने जताई हमला रुकने की उम्मीद


तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने वीकेंड इंटव्यू के दौरान एएफपी से कहा- हम यह उम्मीद करते हैं कि अफगान के जो भी लोग आईएस के प्रभाव में हैं, वे विदेशी ताकतों के जाने और इस्लामिक सरकार के गठन के बाद अपना ऑपरेशन छोड़ देंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर वे फिर भी युद्ध जैसी स्थिति पैदा करते हैं और अपना ऑपरेशन चलाते हैं तो इस्लामिक सरकार उनके साथ निपटेगी.


गौरतलब है कि काबुल एयरपोर्ट के बाद गुरूवा को हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी. इस दौरान 13 अमेरिकी सैनिकों के अलावा काफी संख्या में वो लोग मारे गए थे, जो देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे.  


अमेरिका ने की जवाबी कार्रवाई


हालांकि, पिछले कुछ दिनों में आईएस के ऊपर अमेरिका की तरफ से जवाबी कार्रवाई ने आतंकी संगठन को भड़का कर रख दिया है. पेंटागन ने कहा कि उसने रविवार को जिस गाड़ी पर ड्रोन से हमला किया, वह आईएस से जुड़ी हुई थी और उससे काबुल एयरपोर्ट को नुकसान पहुंचाने की कोशिश थी. उन्होंने कहा था कि ऐसे ऑपरेशन के लिए इजाजत की जरूरत नहीं है... हमारी आजादी का सम्मान किया जाना चाहिए.


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