लेख में बताया गया है कि अफगानिस्तान के लोग उम्मीद करते हैं कि ट्रंप और उनका मंत्रिमंडल पिछले अमेरिकी राष्ट्रपतियों के कदमों पर नहीं चलेंगे. लेख में कहा गया, ‘‘अमेरिका ने इतनी लंबी और इतनी गहन जंग अपने समूचे इतिहास में नहीं की, लेकिन अगर वह अपनी नाकाम नीतियां जारी रखने पर जोर देता है तो कोई देख सकता है कि अमेरिका ऐतिहासिक रूप से शर्मनाक हार के चलते खुद को इस कदर बर्बाद कर लेगा कि उसे ठीक करना मुश्किल होगा.’’
बताते चलें कि अमेरिका ने 9/11 के हमले के बाद अफगानिस्तान पर हमला किया था. हमले का उद्धेश्य अल-कायदा और तालिबान को खत्म करना था. इस युद्ध में अमेरिका को ब्रिटेन और नाटो की भी सहायता मिली. साल 2011 में शुरू हुए अमेरिका समर्थित हमले अभी भी जारी हैं और अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज की उपस्थिति बनी हुई है. इन हमलों में अल-कायद कमज़ोर हुआ लेकिन तालिबान ने फिर से अपनी स्थिति मज़बूत की है. अमेरिकी इतिहास में लड़े गए युद्धों में अफगानिस्तान युद्ध सबसे लंबे समय तक चलने वाला युद्ध है.