Taliban: अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) की ओर से नई सरकार के गठन के बाद हिबतुल्लाह अखुंदजादा वहां सर्वोच्च नेता हैं और सबसे प्रभावशाली व्यक्ति भी हैं, जिन्हें जल्द ही उनके पद से मुक्त किया जा सकता है. खबर है कि अखुंदजादा को लेकर तालिबान के शीर्ष नेतृत्व में जबरदस्त विवाद चल रहा है ऐसे में मामला शांत कराने के लिए उन्हें उनके पद से हटाया जा सकता है. 


गौरतलब है कि हाल के दिनों में तालिबान ने कई ऐसे फैसले लिए, जिनपर विवाद खड़ा हो गया. खासकर तालिबान महिला शिक्षा को लेकर पूरी दुनिया के निशाने पर है. बता दें कि अफगानिस्‍तान में तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं की यूनिवर्सिटी शिक्षा पर रोक लगा दी. जिसके बाद यहां तालिबान के इस फरमान का विरोध शुरू हो गया. इस मुद्दे पर तालिबान का एक धड़ा चाहता है कि देश में महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिया जाये. 


लेकिन, सुप्रीम कमांडर अखुंदजादा इस्लामिक नियम और शरिया कानून का हवाला देकर बार-बार महिलाओं पर प्रतिबंध का समर्थन कर रहे हैं. बस इसी बात को लेकर शीर्ष नेतृत्व के बीच विवाद पैदा हो गया है. बवाल इतना बढ़ गया है कि तालिबान सरकार के टूटने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में समय रहते डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे सरकार अधर में न लटक जाये. 


अब्दुल गनी बरादर ले सकते हैं जगह 


मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अखुंदजादा की जगह ले सकते हैं. माना जा रहा है कि अभी हिबतु्ल्लाह अखुंदजादा को पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है. अब उन्हें पूरी तरह से पद मुक्त कब तक किया जाएगा, यह जानकारी अभी सामने नहीं आयी है. 


हक्कानी और याकूब ने खुद की अखुंदजादा से बातचीत 


अफगानिस्तान में तालिबान सरकार में बैठे कुछ प्रमुख लोग महिलाओं की शिक्षा के पक्षधर हैं. जिनमें आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी और रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब ने तो सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा से बातचीत भी की है. लेकिन बात बन नहीं पाई है. 


महिला शिक्षा के पक्ष में खड़े नेताओं का तर्क 


महिला शिक्षा के पक्ष में खड़े नेताओं का तर्क है कि अफगानिस्तान को अभी अंतरराष्ट्रीय समर्थन की जरूरत है. ऐसे में तालिबान सरकार द्वारा महिलाओं की शिक्षा पर लगे प्रतिबंद का नकारात्मक असर पड़ रहा है. ऐसे में ये नेता चाहते हैं कि महिलाओं की शिक्षा पर लगे प्रतिबंध को हटाना चाहिए. 


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