इस्लामाबाद: तालिबान के गॉडफादर माने जाने वाले प्रमुख पाकिस्तानी धर्म गुरू मौलाना समीउल हक की शुक्रवार को रावलपिंडी में उनके घर में चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई. 82 वर्षीय हक खैबर पख्तूनख्वा के अकोरा खट्टक शहर में इस्लामी मदरसे दारुल उलूम हक्कानिया के प्रमुख और कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-सामी (जेयूआई-एस) के अध्यक्ष थे.
जिओ न्यूज ने उनके बेटे मौलाना हमीदुल हक के हवाले से कहा कि अज्ञात हमलावारों ने समीउल हक की उस समय हत्या कर दी जब वह अपने कमरे में आराम कर रहे थे. हमीदुल ने कहा कि उनके पिता का निजी सुरक्षाकर्मी बाजार गया हुआ था. जब वह लौटा तो उसने समीउल को खून से लथपथ देखा. जेयूआई एस के पेशावर अध्यक्ष ने भी रावलपिंडी में हमले में हक की मौत की पुष्टि की है.
शुरू में इस बारे में विरोधाभासी खबरें थीं कि हक की हत्या किस तरह से हुई. पाकिस्तान के कुछ मीडिया संगठनों ने कहा था कि वह बंदूक हमले में मारे गए. हक के बेटे ने स्पष्ट किया है कि धर्मगुरु चाकू हमले में मारे गए. हाफिज सईद ने मौलाना हक की हत्या की निंदा की है. उसने हत्या को पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र करार दिया.
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने हक को प्रसिद्ध धर्म गुरु और नेता बताते हुए कहा कि हम हत्या की निंदा करते हैं. वहीं पाकिस्तानी राज्य मंत्री शहरयार अफरीदी ने हक की हत्या की निंदा की और कहा, "मौलाना की राजनीतिक और धार्मिक सेवाओं को हमेशा याद किया जाएगा."