(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Taslima Nasrin: दो मुस्लिम देशों की तुलना कर विवादों में फंसी तस्लीमा नसरीन, जानें सऊदी अरब और बांग्लादेश को लेकर ऐसा क्या ट्वीट किया
Women in Saudi Arabia: तस्लीमा नसरीन ने अपने ट्वीट में जो तस्वीरें साझा की हैं, उसमें पहली तस्वीर में मिस सऊदी अरब रोमी अलकहतनी और दूसरी में एक महिला बुर्का पहने नजर आ रही है.
Saudi Arabia: हाल के दिनों में सऊदी अरब में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिला है, लेकिन बांग्लादेश में कट्टरता हावी होता जा रहा है. इसी बात पर बांग्लादेशी मूल की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने तंज करते हुए ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने सऊदी अरब और बांग्लादेश की दो महिलाओं की फोटो साझा की है.
तस्लीमा नसरीन ने अपने ट्वीट में जो तस्वीरें साझा की हैं, उसमें पहली तस्वीर में मिस सऊदी अरब रोमी अलकहतनी और दूसरी में एक महिला बुर्का पहने नजर आ रही है. तस्लीमा ने दोनों तस्वीरों के जरिये बांग्लादेश और सऊदी अरब में अंतर बताने का प्रयास किया है. बुर्के वाली फोटो से तस्लीमा ने बांग्लादेश को दर्शाया है. वहीं रोमी अलकहतनी की परिधान को सऊदी अरब के साथ जोड़ा है.
सऊदी अरब बदल रहा है
तस्लीमा नसरीन ने अपने ट्वीट में लिखा है कि सबसे रूढ़िवादी इस्लामिक देश सऊदी अरब अब प्रगतिशील होता जा रहा है. इसके साथ ही बांग्लादेश, एक प्रगतिशील मुस्लिम बहुसंख्यक देश होने के बावजूद, इस्लामी रूढ़िवादी होता जा रहा है.
गौरतलब है कि बांग्लादेशी मूल की लेखिका तस्लीमा नसरीन अपने लेखन को लेकर हमेशा से कट्टरपंथियों के निशाने पर रही हैं. उनके लिखे से कट्टरपंथी इतना तिलमिलाए कि उन्हें अपना मुल्क छोड़ना पड़ा.
बांग्लादेश छोड़ चुकी है लेखिका
बताते चलें कि तस्लीमा नसरीन बांग्लादेशी मूल की मशहूर लेखिका हैं. वह बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में हैं. वह अक्सर धार्मिक कट्टरता और उन्माद के खिलाफ लिखने और बोलने के कारण सुर्खियों में रहती हैं. उनका जन्म 25 अगस्त 1992 में पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांग्लादेश में हुआ था.
Romie AlQahtany, Miss Saudi Arabia. Saudi Arabia, the most conservative Islamic country is becoming progressive. And Bangladesh, a progressive Muslim majority country, is becoming more and more Islamic and conservative. pic.twitter.com/brF2wAsYWO
— taslima nasreen (@taslimanasreen) May 5, 2023
29 अक्टूबर 2020 को तस्लीमा नसरीन ने ट्विटर पर 'बायकॉट इस्लाम' लिखा था, जिस पर बवाल बढ़ गया था. तस्लीमा इससे पहले भी इस्लाम में सुधार की वकालत कर चुकी है. उनका मानना है कि इस्लाम में सुधार नहीं हुआ तो आधुनिक सभ्यता में यह धर्म खत्म हो जाएगा.
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