India China Relations: चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि चीन (China) द्विपक्षीय संबंधों के स्थिर और मजबूत विकास के लिए भारत (India) के साथ काम करने को तैयार है. दोनों देश उन सीमावर्ती इलाकों में स्थिरता बनाए रखने के लिए राजी हैं, जहां 2020 से तनाव बना हुआ है. 2022 में अंतर्राष्ट्रीय स्थिति और चीन के विदेशी संबंधों पर एक सेमिनार में वांग ने कहा, "चीन और भारत ने राजनयिक और सैन्य-से-सैन्य चैनलों के माध्यम से संपर्क बनाए रखा है. दोनों देश सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखने के लिए राजी हैं."


हाल ही में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) ने सत्ता में वापसी की और शी जिनपिंग को एक बार फिर से राष्ट्रपति चुना गया. वांग यी सेमिनार में कहा, "हम चीन-भारत संबंधों के स्थिर और मजबूत विकास की दिशा में भारत के साथ काम करने के लिए तैयार हैं." बता दें कि वांग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) के साथ भारत-चीन बाउंड्री मैकेनिज्म के विशेष प्रतिनिधि हैं, जो दोनों देशों के बीच वर्तमान सीमा गतिरोध की वजह से निष्क्रिय बना हुआ है.


भारत-चीन संबंध


चीन के कूटनीतिक कार्यों पर अपने लंबे संबोधन में वांग ने यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) के बावजूद अमेरिका के साथ चीन के खराब संबंधों और रूस के साथ बढ़ते संबंधों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने भारत-चीन संबंधों पर संक्षेप में बात की. चीन-भारत के बीच संबंध अप्रैल 2020 से खराब हो गए थे, जब चीन ने पूर्वी लद्दाख में विवादित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को स्थानांतरित करने की कोशिश की. इसके परिणामस्वरूप लंबे समय तक सैन्य गतिरोध बना रहा. दोनों देशों ने गतिरोध को हल करने के लिए अब तक 17 दौर की बातचीत की है. अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद आखिरी दौर की बातचीत हुई.


चीन ने 'ब्लॉक टकराव' का विरोध किया


वांग यी ने भी बीजिंग के विरोध को दोहराया जिसे वह "ब्लॉक टकराव" कहता है. शी जिनपिंग सरकार अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के गठबंधन वाले क्वाड संगठन का विरोध करता रहा है. चीन ने इसके साथ-साथ यूएस, ऑस्ट्रेलिया और यूके के AUKUS गठबंधन का भी विरोध किया है. चीन का दावा है कि इस तरह के गुटों का मकसद उसके उदय को रोकना है. वांग ने एक सेमिनार में कहा, "हमने ब्लॉक टकराव और जीरो-सम कंपटीशन को अस्वीकार करना जारी रखा है और अन्य प्रमुख देशों के साथ संबंधों में रणनीतिक स्थिरता बनाए रखी है."


भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक का 17वां दौर 20 दिसंबर को आयोजित किया गया था. बातचीत के बाद जारी एक संयुक्त प्रेस रिलीज के अनुसार, इस दौरान दोनों पक्ष निकट संपर्क में रहने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने पर राजी हुए. साथ दोनों देश जल्द से जल्द शेष मुद्दों का पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमत हुए थे. 


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