सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक के साथ बैठक की. इस दौरान कोवैक्सीन के इमरजेंसी यूज को लेकर बातचीत की गई. कोवैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की जा रही है. डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञ समिति डोजियर की समीक्षा कर रही है.
उन्होंने बताया, "फाइजर, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्न, जॉनसन एंड जॉनसन, सिनोवैक और सिनोफार्म को डब्लूएचओ द्वारा इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) दिया गया है. कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक द्वारा डब्लूएचओ इमरजेंसी यूज लिस्टिंग की मांग की गई है. इस मामले में डब्लूएचओ पहले ही कंपनी के साथ बैठक कर चुका है. कंपनी के साथ एक पूर्व-सबमिशन बैठक किया गया था. जिसके बाद जुलाई की शुरुआत में भारत बायोटेक द्वारा डब्लूएचओ को एक डोजियर प्रस्तुत किया गया है. फिलहाल ईयूएल देने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा डोजियर की समीक्षा की जा रही है."
डब्ल्यूएचओ को उपलब्ध कराए गए जरूरी दस्तावेज
हाल ही में कंपनी ने बताया था कि ईयूएल के लिए जरूरी सभी दस्तावेज और आंकड़े डब्ल्यूएचओ को उपलब्ध करा दिए गए हैं. माना जा रहा है कि अगस्त के अंत तक डब्ल्यूएचओ इस पर फैसला करेगा. भारत बायोटेक ने कुछ समय पहले मेड इन इंडिया कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल डेटा डीसीजीआई को सौंपा था. इससे पहले डीसीजीआई ने कोवैक्सीन को पहले और दूसरे चरण के ट्रायल डेटा के आधार पर भारत में जनवरी के महीने में आपात इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी. भारत में यह ट्रायल 25 जगहों पर किया गया था.
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