TLP Chief Released: पाकिस्तान की सरकार ने टीएलपी के आगे घुटने टेकते हुए उसके प्रमुख रिजवी को रिहा कर दिया. हालांकि सरकार ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया कि वह आतंकवाद के आरोपों के तहत रिजवी के खिलाफ दर्ज मामलों को बरकरार रखेगी या नहीं. पाक सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार उसने रिजवी का नाम आतंकवाद या सांप्रदायिकता के मामलों की चौथी अनुसूची से हटा दिया था. यह सूची आतंकवाद रोधी अधिनियम (एटीए) 1997 के तहत आतंकवाद या सांप्रदायिकता के मामलों में संदिग्ध व्यक्तियों की सूची है. रिजवी को टीएलपी द्वारा नियोजित विरोध प्रदर्शन से पहले 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. वह आतंकवाद के आरोपों के तहत लखपत जेल में बंद था. इसके कुछ ही समय बाद 16 अप्रैल को उसका नाम चौथी अनुसूची में शामिल किया गया था.
पंजाब सरकार के एक सूत्र ने ‘पीटीआई’को बताया कि रिजवी के खिलाफ आतंकवाद, हत्या, हत्या की कोशिश व अन्य मामलों में 100 से अधिक FIR दर्ज हैं. रिजवी का नाम आतंकवादियों की सूची से हटाने का फैसला पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने टीएलपी के साथ हुए एक‘गोपनीय समझौते’ के बाद किया है. टीएलपी ने अभी हाल ही में अपना हफ्ते भर लंबा धरना 31 अक्टूबर को ही खत्म कर दिया था. टीएलपी के प्रदर्शनकारी अक्टूबर के अंतिम हफ्ते से ही लाहौर के 150 किलोमीटर दूर वजीराबाद में डेरा डाले हुए थे. उनकी इमरान सरकार से कुल तीन मांगे थीं. पैगंबर मोहम्मद का चित्र बनाने के लिए फ्रांसीसी राजदूत का पाकिस्तान से निष्कासन, टीएलपी प्रमुख साद हुसैन रिजवी की रिहाई, उनके समूह तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) पर लगे सभी प्रतिबंध हटाए जाएं.
इमरान सरकार ने इस इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन के आगे घुटने टेक दिए. उसकी सभी मांगे मानते हुए रिजवी को आज रिहा कर दिया है. हालांकि इमरान सरकार ने टीएलपी की फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन की बात पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. इसके अलावा सरकार ने लाहौर में पुलिस के साथ झडप में और वजीराबाद जाने के दौरान गिरफ्तार किए गए 1,200 से अधिक टीएलपी सदस्यों को रिहा कर दिया है. इन संघर्षों में टीएलपी के 11 सदस्य और आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. टीएलपी ने 18 अक्टूबर को लाहौर में प्रदर्शन शुरू किया था और सरकार पर दबाव डालने के लिए इस्लामाबाद तक मार्च करने की घोषणा की थी.
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