नीस: फ्रांस के एक चर्च में तीन लोगों की हत्या मामले में शुक्रवार को एक और संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है. संदिग्ध 47 साल का है और समझा जाता है कि वह नीस में नोट्रेडम बेसिलिका चर्च में हमले से एक दिन पहले हमलावर के संपर्क में था. पुलिस की कार्रवाई में हमलावर इब्राहिम इसाओई गंभीर रूप से घायल हो गया और वह गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती है. फ्रांस और ट्यूनीशिया की आतंकरोधी जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं. पैंगबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने के बाद बढ़े तनाव के बीच देश में सुरक्षा और बढ़ाई गई है.


फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम जगत में बढ़ा आक्रोश
पाकिस्तान, लेबनान से लेकर फलस्तीनी क्षेत्र समेत कई अन्य जगहों पर हजारों मुसलमान फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन के लिए शुक्रवार को सड़कों पर उतरे. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में प्रदर्शन हिंसक हो गया जब करीब 2000 लोगों ने फ्रांस के दूतावास की ओर जाने की कोशिश की. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां चलायी.


बांगलादेश की राजधानी ढाका में प्रदर्शन में करीब 50,000 लोग शामिल हुए और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों का पुतला फूंका. लोगों ने ‘नस्लवाद रोकने’ ‘इस्लाम के खिलाफ नफरत रोकने’ के नारे लगाए और फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की. अफगानिस्तान में भी इस्लामी पार्टी हज्ब-ए-इस्लामी के सदस्यों ने फ्रांस का झंडा जलाया.


बांग्लादेश, पाकिस्तान से लेकर कुवैत में पिछले सप्ताह से फ्रांस के सामानों का बहिष्कार करने की अपील जोर पकड़ रही है. सोशल मीडिया पर भी फ्रांस के खिलाफ मुहिम चलायी जा रही है. तुर्की ने भी कड़े शब्दों में फ्रांस की आलोचना की है.


भारत में भी विरोध जारी
भारत में भी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ जमकर विरोध हो रहा है. गुजरात में पुराने वडोदरा शहर के एक मुस्लिम बहुल इलाके में फ्रांस और वहां के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का बहिष्कार करने की अपील करने वाले पोस्टर लगे हुए पाए गए. हालांकि, बाद में पुलिस ने शुक्रवार को इन्हें हटा दिया. वहीं दक्षिण मुंबई की एक बिजी सड़क पर फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों के पोस्टर चिपके हुए पाए गए जिन्हें बाद में पुलिस ने हटा दिया. भिंडी बाजार क्षेत्र में राहगीरों और मोटर चालकों ने मैक्रों के सैकड़ों पोस्टर चिपके देखे जो फ्रांस में एक कार्टून विवाद को लेकर मुस्लिम देशों की आलोचना का सामना कर रहे हैं.


अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में छात्रों के एक समूह ने प्रदर्शन किया और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के रुख की निंदा की. छात्रों और कुछ स्थानीय निवासियों ने एएमयू परिसर में एक जुलूस निकाला, जिसमें मैक्रों के खिलाफ नारे लगाए गए और फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया गया.


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