Syria civil War: दुनिया पर फिर मंडराया वर्ल्ड वॉर का खतरा! सीरिया में तुर्किये समर्थित विद्रोहियों के खिलाफ रूस की एंट्री
Syria War: सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलप्पो पर तुर्किये समर्थित विद्रोहियों ने कब्जा जमा लिया है. वहीं यह सब देख अब रूस सीरिया के समर्थन में उतर आया है. रूस के आते ही अमेरिका की एंट्री हो सकती है.
Syria Civil War and Rebel Forces Takes Over Aleppo: मिडिल ईस्ट में युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ जहां इजरायल का हिजबुल्लाह और हमास से युद्ध चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अब एक और बड़ा युद्ध यहां छिड़ता दिख रहा है. यह युद्ध रूस-यूक्रेन और इजरायल-हिजबुल्लाह के वॉर से ज्यादा विनाशकारी और खतरनाक हो सकता है.
दरअसल, इस नए युद्ध में कई ताकतवर देश भी शामिल हो चुके हैं. ऐसे में बड़े स्तर पर तबाही की आशंका बनने लगी है. हम जिस युद्ध की बात कर रहे हैं, वह कितना भयावह है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी शुरुआत ही बड़े नरसंहार से हुई है और इसमें एक ही हमले में 300 लोगों की मौत हुई है. शहर खंडहर बनने लगा है. हम बात कर रहे हैं सीरिया के अलप्पो में चल रहे युद्ध की.
सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा
दरअसल, अलप्पो सीरिया का दूसरे सबसे बड़ा शहर है, लेकिन इस पर अब तुर्किये समर्थित विद्रोहियों ने कब्जा जमा लिया है. वहीं यह सब देख अब रूस सीरिया के समर्थन में उतर आया है. उसने अपनी मिसाइलें तुर्किये समर्थित फाइटर ग्रुप पर तान दी हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्किये समर्थित लड़ाके शनिवार (30 नवंबर 2024) को अलेप्पो पर कब्जा करने के बाद दक्षिण में हामा प्रांत की ओर बढ़ चुके हैं. बताया जा रहा है कि उत्तरी और सेंट्रल हामा के 4 कस्बों पर विद्रोहियों ने कब्जा भी कर लिया है.
तुर्किये कैसे दे रहा सीरिया में दखल
सीरिया में चल रहे मौजूदा युद्ध में तुर्किये नुसरा फ्रंट विद्रोही लड़ाकों को प्रोत्साहित कर रहा है. यह संगठन हयात तहरीर अल शाम नाम से भी जाना जाता है. यह संगठन लंबे समय से सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से युद्ध लड़ रहा है.
कैसे बढ़ रहा है तनाव
सीरिया में वर्तमान स्थिति देखने के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद के बचाव में पुतिन की सेना उतर चुकी है. रूस की एंट्री होने के बाद अमेरिका का भी इसमें कूदना स्वभाविक है. वहीं, दूसरी ओर ईरान, इराक और अरब देशों के मिलिशिया फाइटर ग्रुप बशर अल असद यानी सीरिया के समर्थन में युद्ध में कूदने का ऐलान कर चुके हैं. वहीं इजरायल सीरिया में हिजबुल्लाह लड़ाकों के खिलाफ हमले कर रहा है, जो बशर अल असद के समर्थक हैं. यानी इजरायल अमेरिका के साथ तुर्किये का ही साथ देगा.
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