Azerbaijan-Armenian Conflict: अजरबैजान (Azerbaijan) और आर्मेनिया (Armenian Attack) दोनों देश एक दूसरे के सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही है. अजरबैजान ने अर्मेनिया के काराबाख में बम बरसाए हैं. जिसमें तीन सैनिकों की मौत हो गई है. अजरबैजान ने काराबाख के कई इलाकों पर कब्जे का दावा किया है. इस इलाके में रूस की शांति सेना पहले से ही मौजूद है. ऐसे में तनाव और बढ़ने की आशंका है.
दरअसल सोवियत संघ से अलग हुए मुस्लिम बहुल देश अजरबैजान और ईसाई बहुल आर्मेनिया में नागोर्नो-करबाख (Nagorno-Karabakh) को लेकर लड़ाई छिड़ी हुई है. अजरबैजान के मुताबिक पहले आर्मेनिया ने हमला किया उसके बाद उसकी सेना ने कार्रवाई की. अब जरा समझिए दोनों देशों के बीच क्या है विवाद.
अजरबैजान और अर्मेनिया के बीच फिर तनाव बढ़ गया है
अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच विवाद की जड़ नागोर्नो-करबाख का पहाड़ी इलाका है. इस क्षेत्र को अजरबैजान अपना हिस्सा बताता है. हालांकि साल 1994 से इस पर आर्मेनिया का कब्जा है. विवादित क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए दोनों देश अब तक दो लड़ाइया लड़ चुके है. अर्मेनिया के जिस क्षेत्र पर अजरबैजान ने हमला किया है. उस क्षेत्र में रूस की 2000 शांति सेना तैनात होती है. रूस ने अजरबैजान पर सीज फायर के उल्लंघन का आरोप लगाया है.
संघर्ष का मसला पहले भी कई बार उठता रहा
बता दें कि अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है. नागोर्नो-काराबाख़ में संघर्ष का मसला पहले भी कई बार US में उठता रहा है. साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद को लेकर चार प्रस्ताव भी पास किए थे. हालाँकि, उनमें से कोई लागू नहीं किया जा सका. दोनों देशों के बीच कई स्तरों पर बातचीत की कोशिश की जाती रही है.
ये भी पढ़ें:
New CJI: कौन हो देश का अगला चीफ जस्टिस? कानून मंत्रालय ने CJI एन वी रमना को लिखा पत्र