Terrorist Attack In Russia: 22 मार्च को रूस की राजधानी मॉस्को के पास हुए आतंकी हमले की जैसै-जैसे जांच आगे बड़ रही है, चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. अब इस आतंकी हमले में तुर्किये कनेक्शन सामने आया है, जिससे 'मुख में राम बगल में छुरी' वाला मामला सामने आ रहा है. आतंकी हमले में लिप्त 4 हमलावरों समेत कुल 11 लोगों को रूस ने पकड़ने का दावा किया है, जिनका संबंध अफगानिस्तान में सक्रिय इस्लामिक स्टेट की खोरासान शाखा (ISIS-KP) से है. रूस ने हमले में शामिल ताजिक मूल के चरमपंथियों की पहचान की है, इन्होंने मध्य एशिया से कट्टरपंथी युवाओं के रूस में प्रवेश के एक बड़े खतरे का सबूत भी दिया है.
रूस की संघीय सुरक्षा एजेंसी (FSB) ने दावा किया है कि 22 मार्च से पहले मॉस्को में इसी तरह के दो आतंकी हमले की कोशिश को नाकाम किया गया है. इस हमले में तुर्किये कनेक्श भी सामने आया है, जिसके बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि पुतिन को अपना दोस्त बताने वाले एर्दोगन क्या अब रूसी नेता को धोखा दे रहे हैं. रूसी एजेंसी FSB ने दावा किया है कि मॉस्को हमले से पहले फरवरी और मार्च के शुरुआत में मध्य एशिया से आने वाले चरमपंथी युवाओं के दो समूहों का खात्मा किया है. मध्य एशिया में बढ़ते कट्टरपंथ पर भारत ने भी नजर बढ़ा दी है, भारत काबुल में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, 7 मार्च को एफएसबी ने कालुगा प्रांत के कोर्याकोव गांव में एक स्पेशल ऑपरेशन के दौरान मध्य एशिया से आए दो आतंकवादी मारे थे.
रूसी एजेंसियों के जांच में क्या मिला?
एफएसबी की जांच में सामने आया है कि मध्य एशिया में चरमपंथी गतिविधियों में पाकिस्तान और तुर्की शामिल हैं. इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कजाकिस्तान के कुछ युवाओं को पाकिस्तान के मदरसों में ट्रेनिंग दी गई. ये कट्टरपंथी अब आईएसआईएस का हिस्सा बन चुके हैं और तुर्किये इन्हें पनाह दे रहा है. मॉस्को हमले की जांच कर रही रूस की एजेंसी ने भी तुर्की कनेक्शन का जिक्र किया है. संडे गॉर्जियन में छपी एक रिपोर्ट में रूसी एजेंसियों के हवाले से बताया गया है कि हमलावरों को एक ताजिक मूल के चरमपंथी ने भर्ती कराया था. मॉस्को में हमले का आदेश तुर्किये के एक सुरक्षा एजेंसी से मिला था. हमले के बाद आतंकवादियों का यूक्रेन के रास्ते से तुर्की जाने का प्लान था, जहां इन्हें आईएसआईएस-केपी के पास पहुंचाना था. हालांकि इस पूरे खुलासे में रूसी एजेंसियों ने तुर्किये एजेंसी का नाम नहीं लिया है.