कराची (पाकिस्तान): पाकिस्तान (Pakistan) के अशांत बलूचिस्तान प्रांत (Balochistan Province) के हरनाई जिले में अज्ञात आतंकवादियों (Terrorists) ने मजदूरों (Workers)  के एक शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें कम से कम चार मजदूरों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. हरनाई जिले (Harnai District) के चापर बाएं इलाके में शुक्रवार देर रात को यह हमला हुआ.


इससे तीन दिन पहले हथियारबंद लोगों ने क्वेटा के हन्ना उरक इलाके में एक निजी कोयला कंपनी के दो इंजीनियर सहित चार कर्मचारियों का अपहरण कर लिया था. अपहृत कर्मचारियों को अपहरणकर्ता एक अज्ञात स्थान पर ले गए. हमलावरों ने कोयला खदान पर छापा मारा था, जहां ज्यादातर मजदूर पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के थे.


आतंकवादी हमला देर रात को हुआ
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों और सिबी डिवीजन के आयुक्त अब्दुल अजीज ने पुष्टि की कि आतंकवादी हमला देर रात को हुआ और हथियारबंद लोगों ने मजदूरों पर अंधाधुंध गोलीबारी की.


आयुक्त ने कहा, ‘‘हमले में तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.’’ लेकिन शवों और घायलों को क्वेटा ले जाने के लिए मौके पर पहुंचे बचाव अधिकारियों ने कहा कि कम से कम चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए.


हमलावरों ने शिविर में आग भी लगा दी
अजीज ने कहा कि हमलावरों ने शिविर में आग भी लगा दी और कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया. मजदूर एक सरकारी निर्माण परियोजना में काम कर रहे थे. अब तक किसी अलगाववादी या आतंकवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.


आतंकवादियों ने पहले भी बलूचिस्तान में मजदूरों को बनाया है निशाना
पूर्व में भी बलूचिस्तान में अलगाववादी और आतंकवादी संगठन प्रांत में सरकारी और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजनाओं में काम करने वाले अन्य प्रांतों के मजदूरों को निशाना बनाते रहे हैं. मई 2017 में मोटरसाइकिल सवार हथियारबंद लोगों ने ग्वादर में एक सड़क पर काम कर रहे मजदूरों पर गोलीबारी की थी, जिनमें से 10 की मौके पर ही मौत हो गई थी.


इसी तरह, 2018 में एक निजी दूरसंचार कंपनी के लिए काम कर रहे छह मजदूरों की खारान जिले में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.


इसके बाद, 2021 की शुरुआत में इस्लामिक स्टेट (Islamic State) समूह ने बलूचिस्तान के मच इलाके में 11 कोयला खनिकों की हत्या की जिम्मेदारी ली. आतंकवादियों ने पहले शिया हजारा समुदाय के सभी मजदूरों (Workers) को एक कोयला खदान से अगवा किया और फिर पश्चिमी पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान में उनकी हत्या कर दी.


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