Atiq Ahmed Dead: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ अहमद की शनिवार रात पुलिस की मौजूदगी में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. हमलावरों ने अतीक़ और उसके भाई को तब निशाना बनाया, जब उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था. पुलिस ने तीनों हमलावरों को हिरासत में ले लिया है. इस हत्याकाण्ड के बाद यूपी के लॉ एंड आर्डर पर सवाल उठ रहे हैं.
इस घटना को अंजाम देने के लिए हमलावर पत्रकार बनकर आये थे, शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे उन्होंने मौका पाकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. जिसमें गोली लगने के बाद अतीक और उसके भाई ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. दरअसल, हमला करने वाले तीनों युवकों ने बकायदा गले में प्रेस का आई कार्ड लटका रखा था. जिससे उनपर किसी को कोई शक न हो. उनके साथ दिखावे के लिए कैमरा भी था. इस पूरी वारदात की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
अतीक़ के हत्या की वीडियो वायरल
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि हमलावर अंधाधुन गोलियां बरसा रहे हैं. लोग इसपर तरह तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. यूपी का विपक्ष सरकार पर निशाने साध रहा है. ऐसे में कुछ लोग इस घटना को अफगानिस्तान की एक घटना से भी जोड़ कर देख रहे हैं. दरअसल अफगानिस्तान में भी कुछ ऐसा ही वाकया हुआ था जब जर्नलिस्ट बनकर आये आतंकियों ने 'पंजशीर का शेर' कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद को मार डाला था.
बताते चलें कि नौ सितंबर 2001 को अहमद शाह मसूद की हत्या हुई थी. इस घटना ने अफगानिस्तान समेत पूरी दुनिया को दहला कर रख दिया था. दरअसल, अल-कायदा के कुछ आतंकी पत्रकार के रूप में अहमद शाह मसूद के पास इंटरव्यू के लिए आये थे. हत्या से पहले आतंकियों ने मसूद के साथ करीब 10 दिन गुजारे थे. हालांकि उन्होंने इस बात की भनक किसी को नहीं लगने दी कि वे पत्रकार नहीं हैं.
अहमद शाह मसूद की हत्या के फिराक में लगे आतंकी सही समय का इन्तजार कर रहे थे. अहमद शाह मसूद का इंटरव्यू लेने के दौरान उन्हें वारदात को अंजाम देने का वक्त मिल गया. मसूद उनके किसी सवालों का जवाब देते इससे पहले ही आतंकियों ने ब्लास्ट कर दिया. ब्लास्ट के दौरान आतंकियों ने खुद को किसी उपकरण से कवर कर लिया था. इस ब्लास्ट में अहमद शाह मसूद की मौके पर ही मौत हो गई थी.
अतीक के जैसे नहीं थे मसूद
बताते चलें कि अहमद शाह मसूद को पंजशीर का शेर कहा जाता था. उन्हें फगानिस्तान में फ्रीडम फाइटर का दर्जा मिला हुआ था. लेकिन अतीक अहमद को माफिया-डॉन की उपाधि मिली हुई थी.