Thailand king: थाईलैंड के राजा 250 लोगों के दल और प्यारे कुत्तों के साथ फिर पहुंचे जर्मनी, म्यूनिख में 11 दिनों के लिए होटल की चौथी मंजिल बुक की
Thailand king Returned To Germany: लोकतंत्र समर्थक विरोध और राजघरानों की सार्वजनिक आलोचना के बाद से राजा महा वजीरालोंगकोर्न की पहली आधिकारिक विदेश यात्रा है.
Thailand king: शाही जिंदगी जीने के लिए मशहूर थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न एक बार फिर से 250 से अधिक लोगों के अपने दल के साथ जर्मनी पहुंचे. थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न के साथ 30 प्यारे कुत्ते भी हैं. एक जर्मन टैब्लॉइड के मुताबिक 69 वर्षीय सम्राट और उनके दल को म्यूनिख के बाहर एयरपोर्ट के होटल में एक शानदार निजी जेट में उड़ान भरने के बाद देखा गया था. भूरे और नारंगी रंग का ट्रैकसूट पहने राजा को म्यूनिख में हिल्टन एयरपोर्ट होटल के पूल के रास्ते में देखा गया.
राजा को कुत्तों से है बहुत प्यार
बताया जाता है थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न को कुत्तों से काफी लगाव है और वो कुत्तों से अपने प्यार के लिए भी जाने जाते हैं. अपने पालतू पूडल फू-फू को एयर चीफ मार्शल के पद पर पदोन्नत करने वाले राजा सोमवार को म्यूनिख पहुंचे और 11 दिनों के लिए पूरी चौथी मंजिल बुक की. लोकतंत्र समर्थक विरोध और राजघरानों की अभूतपूर्व सार्वजनिक आलोचना के बाद से यह राजा की पहली आधिकारिक विदेश यात्रा है.
कोरोना महामारी के दौरान हुई थी आलोचना
एक साल से अधिक समय में जर्मनी की उनकी पहली यात्रा तब हुई है जब अप्रैल और मई में कोरोनोवायरस के मामलों में लापरवाही के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा. वह जर्मनी के बवेरियन आल्प्स के एक होटल में रह रहे थे जहां उनके साथ जो उनके कर्मचारियों और कुत्तों का दल भी था. जर्मन टेबलॉयड ने लिखा है कि "वह वापस आ गया है और अपने पसंदीदा राज्य बवेरिया में अपने पूडल के साथ अच्छा महसूस कर रहा है.
लगातार यात्रा के कारण चर्चा में
लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के बीच राजा अपने पिता की मृत्यु की चौथी वर्षगांठ मनाने के लिए पिछले साल अक्टूबर में थाईलैंड लौटे थे. लेकिन ऐसा माना जाता है कि आलोचना के बाद उन्होंने वापसी की थी. बहरहाल राजा की लगातार यात्राओं और जर्मनी के साथ उसके संबंधों का कारण का पता नहीं है. 1973 में एक समारोह में उनके पिता राजा भूमिबोल अदुल्यादेज द्वारा उन्हें थाईलैंड के क्राउन प्रिंस का खिताब दिया गया था. अपने शुरुआती वर्षों में उन्हें बैंकॉक के एक स्कूल में शिक्षित किया गया था और 13 साल की उम्र में उन्हें स्कूली शिक्षा के लिए यूके भेजा गया था.
थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न ने एक कॉर्पोरल के रूप में अपनी कला की डिग्री के लिए ऑस्ट्रेलिया के रॉयल मिलिट्री कॉलेज, डंट्रोन में विश्वविद्यालय की शिक्षा पूरी की. थाईलैंड, यूके, यूएस और ऑस्ट्रेलिया में प्रशिक्षण के बाद उन्होंने थाई सशस्त्र बलों में एक अधिकारी की भूमिका निभाई और एक लड़ाकू पायलट भी बने. राजा टुटजिंग शहर में अपने झील के किनारे के विला में ज्यादातर समय बिताते हैं. जिसे अमीरों के लिए खेल के मैदान के रूप में जाना जाता है. महा वजीरालोंगकोर्न को अय्याश और रंगीनमिजाजी राजा के तौर पर भी जाना जाता है.
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