Thailand Firing: थाईलैंड (Thailand) में गुरुवार, 6 अक्टूबर 2022 को चाइल्ड केयर सेंटर (Child Care Centre) में एक सनकी पुलिसकर्मी ने ताबड़तोड़ फायरिंग की. इस घटना में 24 बच्चों समेत 37 लोगों की जान चली गई. इसके बाद हमला करने वाले पुलिसकर्मी ने खुदकुशी (Suicide) करके अपनी भी जान दे दी. थाईलैंड के इतिहास की ये सबसे क्रूर घटना रही. ये घटना थाईलैंड के उत्तर पूर्वी इलाके के नॉन्ग बुआ लाम्फू प्रांत में हुई.
शुक्रवार की सुबह सरकार के मुलाजिम इन बच्चों और लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए इस चाइल्ड केयर सेंटर के मेन गेट पर फूल लिए हुए खड़े दिखे. इसके अलावा वहां वो परिवार भी थे जिन्होंने इस क्रूर घटना में अपनों को खो दिया. इन परिजनों के दुख का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है. सभी लोग अपनों को खोने का दुख मना रहे थे और फूल लेकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे थे.
‘मैं तब तक रोया जब तक मेरे आंसू नहीं सूख गए’
इसी गमगीन माहौल में एक ऐसा शख्स भी रहा जिसकी पत्नी गर्भवती थी और इसी महीने बच्चे को जन्म देने वाली थी. 28 साल के सेकसन स्रिराज की पत्नी इसी चाइल्ड केयर सेंटर में टीचर थीं. सेकसन ने अपना दुख बयां करते हुए कहा कि मैं तब तक रोया जब तक मेरी आंखों से आंसू आने बंद नहीं हो गए. मेरा दिल ही जानता है कि कितना गहरा दुख पहुंचा है. मेरे आंसू मेरे कलेजे से निकल रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि मेरी पत्नी और मेरा बच्चा किसी शांतिपूर्ण जगह पर गए हैं. मैं तो जिंदा हूं, लेकिन जीना तो पड़ेगा. अगर मैं नहीं पहुंचा तो मेरी पत्नी और मेरे बच्चे को मेरी चिंता होगी और वो अगले जन्म में पैदा नहीं होंगे. बस इतना ही है.
क्या है मामला?
थाईलैंड में दिल दहला देने वाली घटना में बर्खास्त पुलिसवाले ने चाइल्ड केयर सेंटर में वो नरसंहार किया जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. पान्या कामराप नाम के पूर्व पुलिसकर्मी ने पहले तो सोते हुए बच्चों पर अंधाधुंध गोलिया बरसाईं. इतने से भी जब उसका मन नहीं भरा तो उसने कई लोगों को चाकुओं से गोद डाला. इसके बाद वो गोलियां बरसाता हुआ कार से अपने घर पहुंचा और वहां अपनी पत्नी और बेटे की भी हत्या कर देता है. इसके बाद वो खुद को भी गोली मार लेता है.
हमलावर ने ऐसा क्यों किया?
ड्रग्स स्मगलिंग (Drugs Smuggling) में फंसा कामराप कोर्ट (Court) में सुनवाई के बाद अपने बेटे को ढूंढता हुआ चाइल्ड केयर सेंटर (Child Care Centre) पहुंचा था. जब उसका बेटा उसे वहां नहीं मिला तो उसके ऊपर हैवानियत सवार हो गई और उसने नरसंहार करना शुरू कर दिया. सबसे पहले उसने दो कर्मचारियों को मौत के घाट उतारा. इनमें 8 महीने की शिक्षिका (Teacher) भी थी, जिसकी चर्चा हम ऊपर कर चुके हैं.
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