हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग को 9 दिन का समय बीत चुका है, लेकिन अब भी ये जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है. 40 किलोमीटर लंबे और 10 किलोमीटर चौड़े गाजा पट्टी को खत्म करने में इजरायल को क्यों इतना समय लग रहा है. दरअसल गाजा पट्टी में यूं तो सब कुछ सामान्य नजर आता है. वहां घर, दुकानें, स्कूल सब कुछ सामान्य बना हुआ है, लेकिन इसी सामान्य के पीछे एक बड़ी चीज छिपी हुई है और वो है हमास द्वारा बनाई गई सुरंगे.


हमास ने ये दावा किया है कि उसकी इस अंडरग्राउंड सुरंगों का नेटवर्क लगभग 500 किलोमीटर के तक फैला हुआ है. जिसके एक्सेस पाइंट इमारतों, स्कूलों और मस्जिदों में हैं. अब ये भी माना जा रहा है कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले में हमास द्वारा इन्हीं सुरंगों का इस्तेमाल किया गया था.


वहीं कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो किबुत्झ के पास एक सुरंग मिली है जहां दर्जनों इजरायली नागरिकों का कत्ल किया गया है. आज हम इस रिपोर्ट में समझेंगे हमास की इन्हीं सुरंगों का जाल.


क्या है हमास की सीक्रेट भूलभुलैया?
इजरायल खुद पर हुए हमले के बाद हमास से बदला लेने के लिए फिलिस्तीन पर लगातार हमले कर उसे पूरी तरह खत्म करने की प्लानिंग किए बैठा है. साथ ही आने वाले दिनों में वो हमले और तेज करने की तैयारी में है. हालांकि ये इतना आसान नहीं होने वाला है, क्योंकि हमास ने गाजा में लगभग 500 किलोमीटर क्षेत्र में सुरंगे बनाई हुई हैं जो इजरायल तक जाती हैं.


इन सुरंगों के बारे में अधिक जानने के लिए गाजा के इतिहास जानना होगा. दरअसल 2001 में गाजा पर इजरायल का कब्जा था. गाजा को इजरायल से मुक्त करवाने के लिए वहां के उग्रवादी संगठनों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. हालांकि इजरायल की एडवांस डिफेंस काफी मजबूत थी, ऐसे में वो उसके सामने काफी कमजोर महसूस कर रहे थे.


उस दौर में गाजा के उग्रवादियों ने इजरायल से निपटने के लिए सुरंगों का रास्ता अपनाया. ये लोग खोदकर सुरंगें बनाते और उनमें गोला बारूद भर इजरायल के बॉर्डर पोस्ट को खत्म करने की कोशिश करते. इसमें मेहनत तो बहुत लगती पर परिणाम वो नहीं मिल रहे थे जिनकी उन्हें चाह थी.


हालांकि उग्रवादियों ने जो सुरंगे खोदीं वो उसमें जरूरत का सामान, गोला बारूद और हथियार रखते और यहीं से उसकी स्मगलिंग करते. फिर 2004  में इजरायल के प्रधानमंत्री एरियल शेरोन ने गाजा छोड़ने का ऐलान कर दिया. जिसके बाद एक साल के अंदर 15 सितंबर 2005 तक इजरायल ने गाजा को खाली कर दिया. इसके बाद वहां से इजरायल के बाहर निकलते ही दो चरमपंथी संगठन हमास और फतह की बीच संघर्ष होने लगा. जिसमें हमास ने फतह को हराकर वहां अपना कब्जा जमा लिया. बस इसी के बाद से गाजा में सुरंगों का जाल और तेजी से फैलने लगा.


2006 आते-आते इन सुरंगों का जाल और बढ़ा हो गया. इस साल इसकी भनक इजरायल तक भी पहुंची जब हमास से गाजा से इजरायल तक एक लंबी सुरंग खोद डाली. इसी सुरंग के जरिए हमास के उग्रवादी इजरायल की बॉर्डर पोस्ट के पीछे निकले और 2 इजरायली सैनिकों को मार गिराया.


इस हमले में एक सैनिक घायल हुआ था और एक अन्य  सैनिक जिसका नाम गिलाड शलित था, उसे पकड़कर इन्ही सुरंगों के जरिए वापस गाजा लौट गए. जिसके बाद इजरायल ने 1 हजार कैदियों के बदले इस सैनिक को छुड़वा लिया. इसके बाद साल 2013 में इजरायल डिफेंस फोर्स ने एक 1.6 किलोमीटर लंबी सुंरग का पता लगाया. जो सीमेंट की बनी थी और ये सुंरग गाजा पट्टी से शुरू होकर इजरायल के किबुत्ज तक जाती थी.


वहीं 2014 में एक ऐसी ही सुरंग के जरिए हमास के लड़ाके हथियारों के साथ इजरायल की एक कम्युनिटी तक पहुंचने में सफल रहे. वहीं इसके चार दिन बाद यानी 21 जुलाई को ये आंतकवादी आईडीएफ की यूनिफॉर्म में इजरायल में फिर घुसपैठ करने में सफल रहे. हालांकि इस दौरान इजरायल की डिफेंस फोर्स ने उन्हें धर दबोचा और मार गिराया.


इसके बाद इसी साल इजरायल ने ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज चलाया और हमास द्वारा बनाई गई 30 क्रॉस बार्डर टनल को तबाह कर दिया. इसके बाद साल 2021 में इजरायल का ये दावा था कि उसने हमास की 100 सुरंगे तबाह कर दी हैं, हालांकि हमास ने ये बयान जारी किया था कि उसकी सुरंगे 500 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हैं और इजरायल उसकी महज 5 प्रतिशत सुरंगे ही खत्म कर पाया है.


हमास की ये सुरंगे गाजा की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में फैली हैं. जहां इजरायली हमले की संभावना कम ही होती है, क्योंकि ऐसी जगहों पर सुरंगों का पता लगाने की संभावना बहुत कम होती है.


इजराइल की इंटेलिजेंस एजेंसी को कैसे नहीं लगी हमले की भनक?
इजरायल ने गाजा बॉर्डर के पास हाईटेक सिक्योरिटी रखी हुई है. उसके कई सैनिक यहां पहरा देते हैं फिर भी इस हमले की खबर न लगना इजरायल की इंटेलिजेंस पर सवाल खड़े कर रहा है. हालांकि अब बताया जा रहा है कि हमास द्वारा 7 सितंबर को इजरायल पर किए गए हमले में इन्हीं सुरंगों का इस्तेमाल किया गया था और इन्हीं सुरंगों के जरिए इतनी बड़ी संख्या में गोला बारूद भेजे गए थे. हमास के आतंकी इजरायल के विभिन्न शहरों में भी इन्हीं सुरंगों के जरिए पहुंचे.


ऐसे में जमीन के ऊपर नजर बनाए बैठी इजरायल की इंटेलिजेंस एजेंसी मोसाद को भी इसकी भनक नहीं लग पाई. साथ ही अब भी हमास द्वारा इन सुरंगों का उपयोग किया जा रहा है. ऐसे में फिलिस्तीन को पूरी तरह तबाह करने का प्लान बनाए बैठे इजरायल के लिए ये सुरंगें एक बड़ी चुनौती हैं.




अंतरराष्ट्रीय मदद से बनी सुरंगें?
इजरायल के डिफेंस फोर्स ने ये दावा किया है कि हमास ने गाजा में युद्ध के दौरान तबाह हुए घरों को दोबारा बनाने के लिए जो अंतरराष्ट्रीय मदद भेजी गई थी उसका उपयोग इजरायल ने इन सुरंगों को बनाने में किया है.


इजरायल भी गाजा में सिविल प्रोजेक्ट्स के लिए बड़ी मात्रा में कंस्ट्रक्शन मटेरियल भेजता है. इजरायल का दावा है कि इसका उपयोग भी हमास ने इस सुरंगों के निर्माण के लिए किया है. हमास द्वारा बनाई गई एक सुरंग में इस्तेमाल किए गए मटेरियल से 86 घर, 7 मस्जिदों, 6 स्कूल और 19 मेडिकल क्लिनिक्स का निर्माण किया जा सकता था.


वहीं इस एक सुंरग को बनाने में लगभग 25 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. साथ ही इजरायल के साथ उसके बढ़ते संघर्ष के चलते हमास ने सिविल अफेयर्स पर पैसे कम कर इसका उपयोग मिलिट्री बजट को बढ़ाने में किया था. एक रिपोर्ट की मानें तो इजरायल ने इन टनलों को बनानें में लगभग 1200 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.


इजरायल के लिए मुश्किल होगी आगे की राह?
इजरायल के पास इस तरह की सुरंगों का पता लगाने और उन्हें क्लियर कर नष्ट करने के लिए स्पेशल फोर्स यहालोम यूनिट है. ऐसे में यहालोम के कमांडर कर्नल यारोन की मानें तो इस युद्ध में सबसे बड़ी चुनौती ये है कि हमास के आतंकी जमीन के ऊपर टनल के कोई निशान नहीं छोड़ते. साथ ही घनी आबादी वाले क्षेत्रों के लगभग 30 किलोमीटर नीचे इन सुरंगों का निर्माण किया गया है. ऐसे में इन सुरंगों के नेटवर्क के चलते इजरायली सेना की टेक्नोलॉजी और इंटेलिजेंस नेटवर्क की मजबूती में भी कमी देखने को मिलेगी.


ऐसे में इन सुरंगों के जमीन के ऊपर कोई निशान नहीं होने से इजरायली सैनिकों को इसका पता लगना मुश्किल है, जिसके चलते हमास के आतंकियों की ताकत बढ़ेगी और वो कहीं से भी अचानक हमला कर सकते हैं. साथ ही एयर स्ट्राइक या बमबारी में भी उनके बच निकलने की उम्मीदें बढ़ जाती हैं क्योंकि उन्होंने इजरायल पर हमले से पहले इन सुरंगों में अपनी जरूरत के सभी सामान को तैयार रखा होगा.


ऐसे में इजरायल के पास इन सुरंगों को तबाह करने के लिए बंकर बस्टर जीबीयू-28 जैसे विस्फोटक भी हैं. इनसे सुरंगें तो तबाह होती ही हैं साथ ही जमीन में भी बड़े-बड़े गड्ढे पड़ जाते हैं. डेली मेल की खबर के मुताबिक हमास ने इन सुरंगों को 'गाजा मेट्रो' नाम दिया है. जिसमें उसकी जरुरत का सभी सामान मौजूद है.