वॉशिंगटन: अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव के बीच ताजा-ताजा अमेरिकी सैन्य कार्रवाई ने दोनों मुल्कों के बीच सैनिक टकराव का खतरा बढ़ा दिया है. बीती रात हुई अमेरिकी स्ट्राइक में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) के वरिष्ठ जनरल और क़ुद्स फोर्स कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई है. साथ ही इराक में ईरान समर्थित पॉपुलर मोबलाइजेशन फोर्स के कमांडर अबू मेहंदी अल मुहंदीस भी मारा गया.


अमेरिका और ईरान के बीच तनाव का पारा चढ़ा


इस घटना ने इराक में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव का पारा चढ़ा दिया है. इसे कुछ रोज़ पहले बग़दाद में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले के बाद पटलवार की कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है.  सैन्य कार्रवाई की तस्दीक करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से जारी व्हाइट हाउस बयान में कहा गया कि, जनरल सुलेमानी इराक और पूरे क्षेत्र में अमेरिकी राजनयिकों व सैनिकों पर हमले की योजना बना रहा था. अमेरिका ने इसे रक्षात्मक कार्रवाई करार दिया है.


खुफिया ऑपरेशन्स का प्रभारी माना जाता था जनरल सुलेमानी


ध्यान रहे कि रिवोल्यूशनरी गार्ड ईरानी सशस्त्र सेना का ही अंग है. हालांकि अमेरिका ने अप्रैल 2019 में इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया था. हालांकि जनरल सुलेमानी की मौत का सबब बनी अमेरिकी कार्रवाई अपने तरह की एक रेयर घटना है जिसमें अमेरिका ने किसी मुल्क के सैन्य कमांडर को मारा हो. जनरल सुलेमानी को IRGC के विदेशों में चल रहे खुफिया ऑपरेशन्स और ईरान समर्थित गुटों के संचालन का प्रभारी माना जाता था.


ट्रंप ने ईरान को दी थी पलटवार की चेतावनी


इराक में गत मंगलवार को ईरान समर्थित माने जाने वाले हशेद शबी के लड़ाकों ने अमेरिकी दूतावास को घेर लिया था. यह घेराव हशेद के खिलाफ 29 दिसम्बर 2019 को की गई सैन्य कार्रवाई के विरोध में था जिसमें कई लड़ाके मारे गए थे. हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को पलटवार की चेतावनी के साथ नए साल की बधाई दी थी. इस कार्रवाई से पहले अमेरिका ने अपने विशेष सैन्य दस्तों की भी बड़ीब कुमुक को बगदाद भेजा था.


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