America: मोबाइल फोन की अहमियत आज किसी को बताने की जरूरत नहीं है. यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब, कैसे और कहां से हुई? दरअसल, पचास साल पहले आज के ही दिन मोबाइल फोन की खोज हुई थी. जब इंजीनियर मार्टिन कूपर ने पहली बार मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया गया था. 


बताते चलें कि मोबाइल फोन बनाने वाले मार्टिन कूपर अमेरिकी इंजीनियर थे. उन्होंने आज ही के दिन पहले मोबाइल फोन को लांच किया था. मोबाइल बनाने वाली कंपनी का नाम मोटोरोला था. कूपर ने 53वीं और 54वीं सड़कों के बीच चलते हुए न्यू यॉर्क के सिक्स्थ एवेन्यू से ऐतिहासिक कॉल किया था. जोएल एंगल को फोन करने के बाद कूपर ने उन्हें बताया, वे सेलफोन से बातें कर रहे हैं, पोर्टेबल सेलफोन से. जिस पर एंगल हैरान रह गए थे. 


कहा जाता है कि मार्टिन कूपर को 1972 में पहली बार मार्टिन कूपर को ऐसा डिवाइस बनाने का आइडिया आया जिसे रिमोट तरीके से इस्तेमाल कर सकें. फिर उन्होंने एक साल के अंदर अपने सपने को साकार कर दिखाया. बता दें कि अमेरिकी इंजीनियर मार्टिन कूपर ने जिस मोबाइल को बनाया, उसका वज़न 2 किलो से भी ज्यादा था. 


इसके इस्तेमाल के लिए एक बड़ी बैटरी को कंधे पर लटका कर चलना पड़ता था। इसके अलावा, एक बार चार्ज होने के बाद इसे दोबारा चार्ज करने में 10 घंटे का समय लग जाता था. 1973 में बने मोबाइल की कीमत की बात की जाए तो इसकी कीमत लगभग 2700 अमेरिकी डॉलर (2 लाख रुपये) थी. 


भारत में इस दिन हुआ था पहला कॉल 


वहीं, भारत की बात करें तो यहां पहली बार 31 जुलाई 1995 को मोबाइल फोन के द्वारा कॉल किया गया था. यह कॉल कोलकाता से दिल्ली के लिए की गई थी. मोदी टेल्स्ट्रा नामक कंपनी ने भारत में पहली बार मोबाइल सेवा की शुरुआत की थी. वहीं पूरी दुनिया की बात करें तो पहली कमर्शियल सेल्युलर फोन सेवा 1979 में एनटीटी (NTT) नामक जापानी कंपनी ने टोक्यो में शुरू की थी. 


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