वाशिंगटन: USCIRF ने असम के डिटेंशन सेंटरों पर दिये गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जस्टिस फोर लिबर्टी अभियान के द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई में आदेश दिया था. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने असम के डिटेंशन सेंटरों में बंद लोगों की रिहाई की शर्तों में ढील का आदेश दिया है.


यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने मंगलवार को इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह फैसला स्वागत योग्य है. USCIRF के एक बयान में कहा गया कि हम इस फैसले का पहले कदम के रूप में स्वागत करते हैं.


USCIRF की ओर से टॉनी पर्किंस ने कहा कि उन्होंने भारतीय सर्वोच्च न्यायालय से इस आशाजनक मार्ग पर अपने फैसले जारी रखने और मानवीय आधार पर हिरासत केंद्रों में हिरासत में रखे गए सभी लोगों की रिहाई का आदेश देने का आग्रह भी किया है. उन्होंने कहा कि रिहाई के लिए न्यूनतम समय के रूप में दो साल भी अनुचित हैं क्योंकि डिटेंशन सेंटरों में कोरोना वायरस के संक्रमण का आधार बनने का खतरा है.


जस्टिस फॉर लिबर्टी इनिशिएटिव द्वारा प्रस्तुत एक आवेदन के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कम से कम दो साल के लिए बंदियों की रिहाई का आदेश दिया है. वहीं कोर्ट ने पर्सनल सिक्योरिटी राशि को भी घटाकर कम कर दिया है.


ग़ौरतलब है कि कोरोनावायरस ने 200 से अधिक देशों को प्रभावित किया है और वैश्विक स्तर पर 5 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत में सकारात्मक COVID-19 मामलों की गिनती बढ़कर 10,815 हो गई है. अब तक भारत में इस जानलेवा वायरस से 353 लोगों की मौत हो गई है.


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