भारत के लिए अहम 'चाबहार पोर्ट' के मामले पर विचार करेगा अमेरिका
अमेरिका अपने द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का ईरान में भारत की चाबहार बंदरगाह परियोजना पर पड़ने वाले असर पर विचार करेगा. यह बंदरगाह नई दिल्ली और काबुल के बीच लिंक मुहैया कराता है.
न्यूयॉर्क: अमेरिका तेहरान के विरुद्ध अमेरिकी प्रतिबंध का ईरान में भारत की चाबहार बंदरगाह परियोजना पर पड़ने वाले असर पर विचार करेगा. यह बंदरगाह नई दिल्ली और काबुल के बीच लिंक मुहैया कराता है. प्रिंसिपल डिप्टी एसिस्टेंस सेकेट्ररी फॉर साउथ एंड सेंट्रल एशिया, एलिस वेल्स ने कहा, "जब चाबहार की बात आती है, तो हम प्रतिबंध लगाने पर समीक्षा करने की प्रक्रिया में होते हैं."
उन्होंने कहा, "इसलिए समीक्षा की प्रक्रिया जारी है और हम अफगानिस्तान में निर्यात बढ़ाने को लेकर भारत की चिंताओं के अलावा हितों और भारत में अफगानिस्तान के निर्यात को बढ़ाने के मुद्दे को काफी गंभीरता से लेते हैं." वेल्स ने कहा, "जैसा कि हम ज्वाइंट प्लान ऑफ कंप्रिहेंसिव एक्शन (जेसीपीओए) की मजबूती या प्रतिबंध के बारे में सोचते हैं, हम अफगानिस्तान पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करेंगे.'
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से बाहर निकाल लिया था. वॉशिंगटन ने ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है और इसके साथ व्यापार करने वाले देशों को चेतावनी दी है. वेल्स ने कहा, "निश्चित ही भारत की तरफ से अफगानिस्तान भेजे गए गेहूं का बहुत महत्व है, खासकर उस समय जब सूखे का वहां जबरदस्त प्रभाव है और निश्चिय ही यह आपूर्ति पर प्रभाव डालेगा जो इस साल अफगान की आबादी के लिए उपलब्ध होगा."
पिछले साल नई दिल्ली ने अफगानिस्तान को चाबहार और देश के लिए बनाए गए सड़क लिंक के जरिए 11 लाख टन गेहूं भेजा था. भारत चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए 50 करोड़ डॉलर (36,29,75,00,000 रुपए) खर्च कर रहा है और वहां से अफगानिस्तान तक सड़क लिंक पाकिस्तान को बाइपास करते हुए अफगानिस्तान पहुंचने की सुविधा प्रदान करेगा.
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