ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे का बयान, ब्रेक्सिट डील पर समर्थन मिलने के बाद पद से इस्तीफा दे सकती हूं
ब्रिटेन के सांसदों ने ब्रेक्जिट प्रक्रिया में बड़ी भूमिका निभाने के लिए सोमवार को मतदान किया था जिससे उन्हें ब्रेक्जिट के कई विकल्पों के लिए अपनी प्राथमिकता जाहिर करने का अधिकार मिल गया.
![ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे का बयान, ब्रेक्सिट डील पर समर्थन मिलने के बाद पद से इस्तीफा दे सकती हूं Theresa May offers to resign before next phase of negotiations as MPs debate Brexit ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे का बयान, ब्रेक्सिट डील पर समर्थन मिलने के बाद पद से इस्तीफा दे सकती हूं](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/03/28105829/Theresa-May-GettyImages-1132757684.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लंदनः ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा है कि ब्रेक्सिट वार्ता के अगले चरण शुरू होने से पहले अपने पद से इस्तीफा दे देंगी. इस बारे में थेरेसा मे ने कथित तौर पर कंजर्वेटिव दलों के सांसदों को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वह ब्रिटेन की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेस मे के ब्रेक्जिट संबंधी समझौते को संसद पहले ही दो बार खारिज कर चुकी है लेकिन ऐसी संभावना है कि सरकार व्यवस्थित ब्रेक्जिट सुनिश्चित करने के लिए बृहस्पतिवार को तीसरी बार इस समझौते को पेश करेगी.
सांसदों ने बुधवार को जिन विकल्पों पर मतदान किया, उनमें समझौते के बिना यूरोपीय संघ छोड़ना, ईयू के सीमा शुल्क संघ एवं एकल बाजार में बने रहना, ईयू से अलग होने संबंधी किसी भी समझौते पर सार्वजनिक जनमत संग्रह कराना और बिना किसी समझौते के ईयू से अलग होने की संभावना निकट होने पर ब्रेक्जिट को रद्द करना शामिल हैं.
सर्वाधिक समर्थन ब्रेक्जिट के बाद ईयू के सीमा शुल्क संघ में बने रहने की योजना को मिला. यह विकल्प के समर्थन में 264 और विरोध में 272 मत पड़े. सांसदों की योजना विकल्प की इस सूची को छोटा करने और सोमवार को फिर मतदान कराने की है.
ईयू नेताओं ने कहा कि यदि इस सप्ताह समझौता पारित हो जाता है तो ब्रिटेन 22 मई को ईयू छोड़ सकता है और ऐसा नहीं होने पर उसे बिना किसी समझौते के 12 अप्रैल को ईयू छोड़ना होगा.
सांसदों ने बुधवार को संसदीय कामकाज का नियंत्रण हासिल करने के लिए संपन्न मतदान में जीत हासिल कर ली. सांसदों के पास अब विभिन्न विकल्पों पर मतदान करने का मौका होगा जैसे कि अनुच्छेद 50 हटाना और ब्रेक्जिट रद्द करना, एक और जनमत संग्रह कराना या बिना समझौते के ही यूरोपीय संघ से अलग हो जाना.
हालांकि, अगर सांसदों को बहुमत मिल भी जाता है तो भी सरकार उनके निर्देशों का पालन करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है.
अमेरिका ने चीन को लताड़ा, कहा- हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को बचा रहा है चीन
'मिशन शक्ति' पर पीएम मोदी के संबोधन की चुनाव आयोग से शिकायत, आयोग ने मांगी भाषण की कॉपी
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)