नई दिल्ली: आर्थिक मोर्चे पर बदहाली झेल रहे पाकिस्तान के लिए के और बुरी खबर आई है. नीदरलैंड के एक थिंक-टैंक के मुताबिक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की अगले सप्ताह पेरिस में होने वाली बैठक में एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) द्वारा तीखी नाराजगी के बाद भी पाकिस्तान के ग्रे सूची में बने रहने की संभावना है. यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (ईएफएसएएस) ने कहा, "इस बात में संदेह है. पाकिस्तान वास्तव में एफएटीएफ की आवश्यकताओं का पालन करने के प्रति गंभीर नहीं है."
वीडियो देखें: पाकिस्तान में इमरान खान से छुटकारे की लड़ाई का आगाज!
ईएफएसएएस ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा झूठे दावे किए गए हैं कि उसने आतंकवाद को प्रायोजित करने पर लगाम कसी है. कहा गया है कि पाकिस्तान निश्चित रूप से ग्रे सूची में बना रहेगा, क्योंकि उसके द्वारा इस सूची से खुद को बाहर निकालने के लिए आवश्यक 15 वोट हासिल करना बहुत मुश्किल है. इस तरह से उसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
ईएफएसएएस ने कहा, "अगर पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करने और अपने नकली मुद्रा कारखानों व नेटवर्क के माध्यम से इसे आर्थिक मदद देने के अपने इसी रास्ते पर रहता है तो उसकी स्थिति और भी खराब हो जाएगी."
सनसनी: पाकिस्तान के सिंध में हिंदू लड़कियों का 'कैदखाना' ..देखिए इमरान के बैखौफ 'गुंडे' !
थिंक-टैंक ने कहा, "पाकिस्तानी अधिकारियों ने एपीजी को उन उपायों से अवगत कराया, जिनके बारे में उसका दावा है कि उन्होंने संदिग्ध लेनदेन और गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने का काम किया है. इसके अलावा पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने अवैध संगठनों और समूहों की संपत्ति को फ्रीज कर दिया है. उसे हालांकि एपीजी को समझाने में बहुत कम सफलता मिली."