(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Corona Vaccine: फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की तीसरी खुराक की पड़ सकती है जरूरत, मांगी मंजूरी
कोविड -19 वैक्सीन फाइजर-बायोएनटेक को कोरोना वायरस के खिलाफ अधिक प्रभावी ढंग से काम करने के लिए तीसरी खुराक की आवश्यकता हो सकती है. कंपनी तीसरे डोज के लिए मंजूरी पाने की भी कोशिश में है.
'कॉमिरनेटी' ब्रांड के तहत बेचे जाने वाली फाइजर-बायोएनटेक कोविड -19 वैक्सीन को कोरोना वायरस (कोविड -19) के खिलाफ अधिक प्रभावी ढंग से काम करने के लिए तीसरी खुराक की आवश्यकता हो सकती है. तीसरे कोविड -19 शॉट से बीटा वेरिएंट के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की भी उम्मीद है. समाचार एजेंसियों ने शुक्रवार की सुबह एक बयान का हवाला देते हुए यह जानकारी दी.
फाइजर-बायोएनटेक ने गुरुवार को घोषणा की है कि वे अपनी कोविड-19 वैक्सीन के लिए रेग्युलेटरी अप्रूवल की मांग करेंगे. कंपनी अंतरिम ट्रायल के डेटा के मद्देनजर मंजूरी प्राप्त करने की कोशिश करेगी, जिसमें पता चला था कि पहले दो डोज की तुलना में तीसरा डोज एंटीबॉडी लेवल को पांच से दस गुना बढ़ा सकता है. कंपनी तीसरे डोज के लिए मंजूरी पाने की भी कोशिश में है.
डेल्टा वेरिएंट पर फाइजर 64 फीसदी तक प्रभावी
हाल ही में खबरें आई थीं कि वैक्सीन SARS-CoV-2 वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कम प्रभावी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक महीने में जुटाए गए डेटा की मानें तो पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों पर डेल्टा वेरिएंट के असर को रोकने में फाइजर 64 फीसदी तक प्रभावी है. इससे पहले कोरोना के अन्य वेरिएंट्स में यह वैक्सीन 94 फीसदी तक प्रभावी थी.
इजराइली सरकार ने कही ये बात
इजराइल की सरकार ने भी इस हफ्ते कहा था कि फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन का प्रभाव कथित रूप से 6 महीनों बाद कम हो रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय का डेटा दिखाता है कि फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन ने 6 जून से शुरुआती जुलाई के बीच देश के 64 प्रतिशत लोगों को सुरक्षा दी. जबकि, पहले यह आंकड़ा 94 फीसदी पर था.
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