जंग के बीच 198 साल पुराने रूसी ओक के पेड़ की ये है कहानी, नहीं मिला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका
‘यूरोपियन ट्री ऑफ द ईयर’ की शुरुआत साल 2011 में हुई थी. इसका प्रितियोगिता को शुरू करने का मकसद ऐतिहासिक पेड़ों की मौजूदगी को सेलिब्रेट करना था.
![जंग के बीच 198 साल पुराने रूसी ओक के पेड़ की ये है कहानी, नहीं मिला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका This is the story of 198 year old Russian oak tree in the midst of war, did not get into the competition जंग के बीच 198 साल पुराने रूसी ओक के पेड़ की ये है कहानी, नहीं मिला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/03/27/5c2fc5316183101e169347e1992fe97c_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
98-Year-Old Russian oak Tree: रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज 32 दिन हो गए हैं. एक महीने से चल रहे युद्ध में लगभग यूक्रेन के सभी बड़े शहर बर्बाद हो चुके हैं. इस जंग की सजा इंसान तो भुगत ही रहा है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब एक पेड़ को भी सजा भुगतनी पड़ रही है.
दरअसल, 198 साल पुराने एक प्रसिद्ध रूसी ओक के पड़े को ‘यूरोपियन ट्री ऑफ द ईयर’ (European Tree of the Year) प्रतियोगिता में एंट्री करने से बैन कर दिया गया है. और बैन करने का कारण रूस द्वारा यूक्रेन पर किये जा रहे हमला बताया जा रहै है.
मिली जानकारी के अनुसार लगभग 200 साल पहले इस पेड़ को उपन्यासकार इवान तुर्गनेव (Ivan Turgenev) ने लगाया था. लेकिन इसे ब्रसेल्स में एक पैनल ने कांपटीशन में हिस्सा लेने से पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया. पैनल का कहना है कि ऐसा रुख रूस का यूक्रेन के प्रति आक्रामक रवैया को देखते हुए किया जा रहा है.
'यूरोपियन ट्री ऑफ द ईयर’ की शुरुआत साल 2011 में हुई
दरअसल ‘यूरोपियन ट्री ऑफ द ईयर’ की शुरुआत साल 2011 में हुई थी. इसका प्रितियोगिता को शुरू करने का मकसद ऐतिहासिक पेड़ों की मौजूदगी को सेलिब्रेट करना था. साथ ही इन प्रतियोगिताओं से देशों के बीच रिश्तें मजबूत होते हैं. हालांकि इस बार आयोजकों को लगा कि वैश्विक राजनीति से खुद को अलग रखना बहुत मुश्किल है.
पहले स्थान पर 400 साल पुराना ओक का पेड़ रहा
बता दें कि इस प्रतियोगिता में पहले स्थान पर पोलैंड के बियालोविजा जंगल में 400 साल पुराना ओक का पेड़ रहा. वहीं दूसरे और तीसरे स्थान पर स्पेन के सैंटियागो डे कंपोस्टेला क्षेत्र में 250 साल पुराना ओक और तीसरा स्थान पुर्तगाल के एक गांव वेले डो पेरेइरो में 250 साल पुराने कॉर्क ओक के पेड़ को मिला.
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