वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की घोषणा के बाद अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर सीरिया में बशर अल असद की सरकार के खिलाफ सैन्य हमले शुरू किए. ट्रंप ने युद्धग्रस्त देश पर अपने ही लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि ये हमले रासायनिक हथियारों के खिलाफ हैं.


ट्रंप ने कहा कि उन्होंने सीरिया के खिलाफ ‘सटीक हमलों’ के आदेश दिए है. सीरिया के डूमा में पिछले हफ्ते के अंत में कथित जहरीली गैस के हमले में कई लोग मारे गए थे. ट्रंप ने कहा, ‘‘ऐसा (रासायनिक) हमला कोई इंसान नहीं बल्कि कोई दानव ही कर सकता है.’’


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उन्होंने कहा कि सीरिया पर अमेरिका तब तक दबाव बनाए रखेगा जब तक बशर अल असद की सरकार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल बंद नहीं कर देती. उन्होंने सीरियाई सरकार के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए ब्रिटेन और फ्रांस का आभार भी जताया.


ट्रंप ने कहा, ‘‘मैंने अमेरिकी सेना को सीरियाई तानाशाह बशर अल असद के रासायनिक हथियार वाले ठिकानों पर सटीक हमले आदेश दिए हैं. फ्रांस और ब्रिटेन की सेनाओं के साथ संयुक्त हमले का अभियान चल रहा है. हम दोनों देशों का आभार जताते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आज ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने क्रूरता के खिलाफ अपने उचित अधिकारों का इस्तेमाल किया.’’


उन्होंने बीते शनिवार को डूमा में कथित केमिकल हमले का जिक्र करते हुए ‘निर्दोष नागरिकों की हत्या करने के लिए रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने को लेकर’ असद सरकार पर निशाना साधा. ट्रंप ने कहा, ‘‘हमारी कार्रवाई का उद्देश्य रासायनिक हथियारों के बनने और इस्तेमाल होने के खिलाफ मजबूत तंत्र स्थापित करना है. इस तंत्र को स्थापित करना अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है.’’


उन्होंने कहा कि उनके पास असद सरकार की मदद करने के लिए जिम्मेदार दो सरकारों के लिए संदेश है. उन्होंने कहा, ‘‘ईरान और रूस से मैं पूछता हूं कि वो देश कैसे हैं जो निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के नरसंहार से जुड़ना चाहते हैं.’’


अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा कि अमेरिका के पास इस बात के सबूत हैं कि सीरियाई नेता बशर अल असद की सरकार ने विद्रोहियों के कब्जे वाले डूमा में पिछले सप्ताहांत रासायनिक हथियार हमले किए थे.