स्टॉकहोम: साहित्य में नोबेल पुरस्कार पाने की चाह रखने वालों को इस साल निराश होना पड़ेगा. स्वीडिश एकेडमी ने साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार इस साल टाल दिया है क्योंकि वह इस संस्थान में सुधार करना चाहता है. स्वीडिश एकेडमी की स्थापना सन 1786 में किंग गुस्तव तृतीय ने की थी. साहित्य में नोबेल पुरस्कार सबसे पहले सन 1901 में दिया गया था और उसके बाद से स्वीडिश एकेडमी ने ही इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के विजेताओं का चयन किया है.
ये प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वालों में अपने समय के कुछ महान लेखक शामिल हैं जिसमें एल्बर्ट कामू, सैमुअल बेकेट और अर्नेस्ट हेमिंगवे शामिल हैं. हालांकि, इस सूची में अमेरिकी रॉक स्टार बॉब डिलन भी शामिल हैं जिनका नाम 2016 की सूची में शामिल था. डिलन को लेकर कुछ लोगों ने एकेडमी की आलोचना भी की थी कि उसने दूसरे लोकप्रिय और समीक्षकों की तरफ से सराहे गए लेखकों को नजरंदाज किया है. ऐसे नामों में अमेरिकी उपन्यासकार फिलिप रोथ भी शामिल थे जिनका इस साल मई में निधन हो गया और उन्हें यह सम्मान नहीं मिल पाया.
डिलन विवाद के बाद एकेडमी ने पिछले साल गैर विवादास्पद लेखक काजुओ इशिगुरो का चयन करके चीजों को सामान्य करने का प्रयास किया. इशिगुरो जापानी मूल के ब्रिटिश लेखक हैं. हालांकि, उस घोषणा के केवल तीन हफ्ते बाद संस्थान एक बार फिर से विवाद में फंस गया और इस बार विवाद का कारण #MeeToo अभियान था.
फ्रेंच फोटोग्राफर अर्नाल्ट है प्रमुख वजह
साहित्य में नोबेल नहीं देने की प्रमुख वजह स्टॉकहोम के एक प्रभावशाली सांस्कृतिक क्लब प्रमुख फ्रेंच फोटोग्राफर जीन क्लाड अर्नाल्ट हैं. अर्नाल्ट पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. अर्नाल्ट के यौन उत्पीड़न की वजह से ही कई महिलाओं ने #MeeToo अभियान चलाया था. एकेडमी के एक आंतरिक जांच में भी उनके और संस्थान के बीच हितों के टकराव का खुलासा हुआ.
एकेडमी में इसको लेकर विवाद है कि अर्नाल्ट से कैसे निपटा जाए और उसमें क्या सुधार होने चाहिए. एकेडमी ने उनके क्लब को सालों तक आर्थिक सहायता दी है. अर्नाल्ट की शादी एकेडमी के ही एक सदस्य से हुई है.
पुरस्कार के लिए आर्थिक मदद देने वाले नोबेल फाउंडेशन के डायरेक्टर लार्स हिकेंस्टन ने कहा है कि मैं देख सकता था कि उनके संगठन में कुछ कमजोरियां हैं लेकिन मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा. 2018 के लिए पुरस्कार विजेताओं की घोषणा 2019 के पुरस्कार के साथ ही की जाएगी.