Three Child Policy in China: चीन के प्रांतों ने दंपतियों को तीसरी संतान के लिए गर्भावस्था व प्रसव के दौरान आने वाले खर्च में सब्सिडी देने और करों में छूट देने सहित कई सहायक उपायों की घोषणा की है. उसके इस कदम का उद्देश्य विश्व की सर्वाधिक आबादी वाले देश में जन्म दर में तेजी से हो रही कमी को रोकना है. चीन की राष्ट्रीय संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने अगस्त में तीन संतान की नीति को औपचारिक मंजूरी दी थी. यह देश में गहराते जनासंख्यकीय संकट का हल करने का एक बड़ा नीतिगत कदम है.


एनपीसी ने एक संशोधित जनसंख्या एवं परिवार नियोजन कानून पारित किया, जो चीनी दंपतियों को तीन संतान रखने की अनुमति देता है. यह संभवत: बच्चों के लालन-पालन पर आने वाले खर्च के कारण अधिक संतान रखने में चीनी दंपतियों के रुचि नहीं लेने की समस्या का समाधान करने के लिए उठाया गया कदम है. अगस्त में जनसंख्या एवं परिवार नियोजन कानून पारित किए जाने के बाद से चीन के 20 से अधिक प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों ने अपने स्थानीय शिशु जन्म नियमों में संशोधन किए हैं.


बीजिंग समेत अन्य क्षेत्रों में सहायक उपायों की घोषणा


चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की सोमवार की खबर के मुताबिक बीजिंग, शिचुआन और जियांक्सी सहित अन्य क्षेत्रों ने इस सिलसिले में कई सहायक उपायों की घोषणा की गई है. इनमें पितृत्व अवकाश देना, मातृत्व अवकाश और विवाह के लिए छुट्टी की अवधि बढ़ाना और पितृत्व अवकाश की अवधि बढ़ाना आदि शामिल है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अधिकारी यांग वेनझाउंग ने कहा, "सरकार को गर्भावस्था और प्रसव पर आने वाले खर्च को साझा करने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए."


चीन ने दशकों पुराने एक संतान रखने की नीति को 2016 में रद्द कर सभी दंपतियों को दो संतान रखने की अनुमति दी थी. जनगणना में चीन की आबादी की वृद्धि दर धीमी गति से होने के प्रदर्शित होने के बाद तीन संतान रखने की अनुमति दी गई.


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