COVID-19: महामारी के 3 साल! अभी लंबे समय तक हमारे बीच रहने वाला है कोरोना
Coronavirus: कोविड-19 का खौफ अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि एक और जानलेवा वायरस की एंट्री हो गई है. तीन साल पहले, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने COVID-19 को एक वैश्विक महामारी घोषित कर दिया था.
COVID-19: तीन साल पहले,11 मार्च 2020 को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने COVID-19 को एक वैश्विक महामारी घोषित किया था. तीन साल बाद भी स्थिति में बहुत बदलाव नहीं आया है. आज भी कोरोना को लेकर मन में डर बना रहता है. भारत की बात करें, तो यहां कोरोना ने जनवरी में ही दस्तक दे दी थी हालांकि तब इसे महामारी का नाम नहीं दिया गया था.
समूचे विश्व को इस महामारी ने तोड़ कर रख दिया था. आज भी हम इससे लड़ने में असमर्थ हैं. पिछला तीन साल पूरी दुनिया के लिए किसी बुरे सपने की तरह रहे. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक इस वायरस के कारण लगभग 681 मिलियन लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि 6.8 मिलियन से अधिक मौतें हुई हैं. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कोरोना ने अब तक पूरी दुनिया में किस तरह तबाही मचाई है. इस महामारी की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी.
इस वायरस का प्रभाव संपन्न और कमजोर, दोनों देशों पर देखने को मिला. संक्रमण की रफ़्तार के कारण कई देशों की व्यवस्थाएं चरमरा गईं. वायरस के कारण स्वास्थ्य सेवाओं प्रभातिव हुई तो इसका असर जन्म दर, मातृ मृत्यु दर और अन्य रोगों पर भी देखने को मिला. कोरोना के खौफ के कारण जरूरी लोगों को उचित इलाज नहीं मिल पाया और उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. सिर्फ इतना ही नहीं, बच्चों को मलेरिया, एचआईवी समेत अन्य गंभीर रोग के टिके नहीं लग पाएं. एक रिपोर्ट के अनुसार COVID के कारण लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ा.
लंबे समय तक रहेगा वायरस
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में लंबे समय तक रहने वाले COVID के और सबूत सामने आए हैं. 2022 के अंत तक कम से कम 65 मिलियन लोगों ने इस सिंड्रोम का अनुभव करने किया था. ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर का अनुमान है कि SARS-CoV-2 से संक्रमित 5-10% लोग लंबे समय तक COVID विकसित करेंगे, जिनमें लक्षण तीन महीने से अधिक समय तक बने रहेंगे.
महामारी ने आर्थिक रूप से किया कमजोर
महामारी ने आर्थिक रूप से बेहद प्रभावित करने का काम किया है. अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका ने COVID पर 4 ट्रिलियन डॉलर खर्च किए हैं. अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि 2025 में उच्च संक्रमण दर वाले देशों में महामारी का बेहद बुरा प्रभाव पड़ेगा. ऐसे देशों की GDP में औसतन 0.75% की कमी आएगी. इन सबके बावजूद, हम यह नहीं मान सकते कि यह महामारी ख़त्म होने वाली है. दरअसल, अब तक इस बात के कोई संकेत भी नहीं मिले हैं.
अभी भी कोरोना को लेकर खुलकर बात करने की जरूरत है. साथ ही कुछ चीजों को लागू करने की जरूरत है.
1. राजनेताओं को खुलकर बोलने की जरूरत
हमारे राजनीतिक नेताओं को जनता के साथ खुलकर संवाद करने की जरूरत है कि महामारी खत्म नहीं हुई है. उन्हें इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि अभी हालात बहुत नहीं बदले हैं. हमें सतर्क रहने की जरूरत है. यदि हमारे राजनेताओं ने ऐसा किया, तो जनता अलर्ट मोड पर आ जाएगी. साथ ही लंबे समय तक चलने वाले कोविड से निपटने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को भी बहुत मजबूत करने की आवश्यकता है.
2. संक्रमण से बचना अब भी जरूरी
हमें पूरी तरह यह मान लेने की जरूरत है कि कोविड बड़े पैमाने पर हवा के माध्यम से फैलता है. हम सभी सुरक्षित हवा में सांस लें, जिसमें सार्स-कोव-2 के साथ ही अन्य वायरस भी न हों.
3. नए ज्ञान और तकनीक को अपनाएं
हमें विज्ञान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और नए ज्ञान और उत्पादों को तेजी से अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. साथ ही वायरल को लेकर कभी भी लापरवाह होने से बचना होगा.
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