Xi Jinping France Visit: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को फ्रांस में भारी विरोध का सामना करना पड़ा है. फ्रांस के कुछ लोगों ने शी जिनपिंग को 'Your time is Over' के बैनर दिखाए. जिनपिंग का विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि चीन तिब्बतियों के साथ अन्याय कर रहा है, साथ ही चीन में उइगर मुसलमानों के साथ ज्यादती की जाती है. बैनर दिखा रहे लोगों ने कहा कि अब यह सब बंद करिए, क्योंकि आपका टाइम ओवर हो चुका है, जबकि जिनपिंग एक बार फिर चीन में राष्ट्रपति पद की सपथ लेने वाले हैं.
दरअसल, रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पांच साल में यूरोप की पहली यात्रा पर फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचे. इस दौरान परिस में जिनपिंग को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. तिब्बत की आजादी के समर्थक और उइगर मुसलमानों के साथ अत्याचार का विरोध करने वाले बड़ी संख्या इकट्ठा हुए. इन लोगों ने जिनपिंग के काफिले को फ्री तिब्बत का एक बड़ा बैनर दिखाते नजर आए. जिनिपिंग का पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात के बाद पूर्वी यूरोपीय देश सर्बिया और हंगरी जाने का कार्यक्रम है.
ओवर पास छात्रों ने लहराया तिब्बत का झंडा
पेरिस में स्टूडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत (SFT) नाम के संगठन ने चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ झंडे फहराने की जिम्मेदारी ली है. संगठन ने बताया है कि तिब्बती झंडा लहराने के कुछ घंटों बाद उनके दो कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है. संगठन ने अपने एक्स हैंडल पर इस विरोध के बारे में जानकारी दी है. संगठन ने लिखा, 'एक ओवर पास पर शी जिनपिंग के काफिले को एसएफटी के कार्यकर्ताों तिब्बत फ्री का विशाल बैनर दिखाया. जिनपिंग चीन में तिब्बतियों की दुर्दशा को नजरअंदाज कर रहे हैं, लेकिन हम फ्रांस में उनके झूठ का पर्दाफाश करेंगे. हम गारंटी देते हैं कि जिनिपिंग हमें भूल नहीं सकते हैं.'
फ्रांस के राष्ट्रपति से तिब्बत का मुद्दा उठाने की अपील
दूसरी तरफ ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने भी उइगर मुसलमानों और तिब्बत के लोगों का मुद्दा उठाया है. संगठन ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से अपील की है कि वे शी जिनपिंग की पेरिस यात्रा के दौरान उइगर, तिब्बतियों और हांगकांग वासियों से जुड़े विषयों को लेकर सार्वजनिक चर्चा करें. इसके अलावा उइगर अर्थशास्त्री और सखारोव पुरस्कार प्राप्त इल्हाम तोहती ने हिरासत में लिए गए दोनों लोगों की तुरंत रिहाई की मांग की.
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