Missing Submarine: तो क्या खत्म हो जाएंगी पांच जिंदगियां... महज कुछ घंटे का ऑक्सीजन शेष, लापता पनडुब्बी की तलाश जारी
Titanic Submarine Missing: अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए गई पनडुब्बी गायब हो गई, जिसका अभी भी कोई सुराग नहीं लगा है. विमान का ऑक्सीजन तेजी से खत्म हो रहा है.
Titanic Submarine: अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए गई पनडुब्बी की तलाश जारी है. लापता पनडुब्बी के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. हालांकि अभी भी पनडुब्बी की खोजबीन जारी है. मुसीबत की बात यह है कि विमान में महज कुछ ही घंटों का ऑक्सीजन शेष बचा है, ऐसे में पांच जिंदगियां खतरे में हैं.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जहाज पर सवार पांच लोगों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति खत्म होने में सिर्फ 10 घंटे बचे हैं. ऐसे में अमेरिकी नौसेना का CURV21 रोबोट भी इसे खोजने का अंतिम प्रयास कर रहा है. रविवार को लापता हुई पनडुब्बी को लेकर खबर आई कि गहरे पानी के अंदर से आवाजें सुनाई दे रही हैं. हालांकि इन आवाजों के जरिये लापता विमान तक पहुंच पाना आसान नहीं है.
पांच जिंदगियां खतरे में
रिपोर्ट के अनुसार, पांच विशेषज्ञ जहाज रोबोट के साथ पहले से ही 4 किमी की गहराई में 24,000 वर्ग किमी के विशाल क्षेत्र की तलाशी कर रहे हैं. गौरतलब है कि लापता पनडुब्बी में पांच लोग सवार हैं जो रविवार को टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए गए थे . जहाज पर सवार पांच लोगों में ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, पाकिस्तानी बिजनेसमैन शहजादा दाऊद और उनका बेटा शामिल हैं. बता दें कि रविवार को पानी के अंदर जाने के बाद विमान से संपर्क एक घंटे 45 मिनट में ही टूट गया था. जिसके बाद अफरातफरी मच गई.
रोबोट के जरिये चल रही तलाश
अमेरिकी तट रक्षक कप्तान जेमी फ्रेडरिक ने बुधवार को पुष्टि की है कि गहरे समुद्र के अंदर से आवाजें सुनाई दी हैं, हालांकि हम स्पष्ट रूप से लापता विमान से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. इस खोज में शामिल एक अन्य विशेषज्ञ कार्ल हर्ट्सफ़ील्ड ने कहा कि दुनिया के सबसे बेहतर लोगों को इसले विश्लेषण में लगाया गया है. दुनिया की कई और एजेंसियां भी इसमें शामिल हो रही हैं. उन्होंने आगे बताया कि रोबोट लगातार खोज कर रहे हैं. उनके जहाज पर विक्टर 6000 रोबोट है जो 20000 फीट की गहराई में गोता लगाने में सक्षम है.
जहाज में महज कुछ घंटों का ऑक्सीजन बाकी
यूएस कोस्ट गार्ड के मुताबिक, पनडुब्बी पर मौजूद लोगों के पास कुछ ही घंटे का ऑक्सीजन बचा है, जिसके कारण बचावकर्मी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. पनडुब्बी टाइटन को आपात स्थिति में 96 घंटे तक ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए डिजाइन किया गया था. जिसमें महज कुछ घंटों का ही समय बकै है.
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