भारत-चीन के बीच हुई रक्षा वार्ता, डोकलाम की वजह से पिछले साल हुई थी रद्द
भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान के अनुसार, भारत-चीन के बीच बातचीत के दौरान रक्षा आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, दोनों देशों की सेनाओं के बीच विभिन्न स्तरों पर संवाद को बढ़ावा देने पर सहमति बनी.
बीजिंग: डोकलाम गतिरोध के कारण करीब एक साल के बाद भारत और चीन के शीर्ष अधिकारियों ने नौंवी वार्षिक रक्षा और सुरक्षा वार्ता की. इस वार्ता में दोनों देश आपसी सैन्य आदान-प्रदान और संवाद को बढ़ाने पर राजी हुए हैं. दोनों देशों के रक्षा प्रतिनिधिमंडलों के बीच 13 नवंबर को हुई इस बातचीत में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षा सचिव संजय मित्रा ने जबकि चीन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केन्द्रीय सैन्य आयोग विभाग के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ ने किया.
भारतीय दूतावास की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान दोनों पक्षों के बीच रक्षा आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, दोनों देशों की सेनाओं के बीच विभिन्न स्तरों पर संवाद को बढ़ावा देने पर सहमति बनी. बातचीत के बाद मित्रा ने बुधवार को चीन के स्टेट काउंसिलर और रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे से मुलाकात की. मित्रा के साथ रक्षा मंत्रालय, भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध के कारण पिछले वर्ष यह वार्षिक वार्ता नहीं हुई थी.
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