(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Afghanistan: अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में बाल-बाल बचा TTP का कमांडर, अमेरिका समर्थित सरकार ने किया था गिरफ्तार
Afghanistan: अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में पाकिस्तान तालिबान का एक बड़ा नेता बाल-बाल बच गया. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और सरकार के बीच संघर्ष विराम के एक हफ्ते बाद गुरुवार शाम को स्ट्राइक हुई.
Afghanistan: अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमले में पाकिस्तान तालिबान का एक बड़ा नेता बाल-बाल बच गया. आतंकवादी समूह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान तालिबान का एक शीर्ष नेता पूर्वी अफगानिस्तान में एक सुरक्षित घर पर एक संदिग्ध ड्रोन हमले से सुरक्षित बच गया. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और सरकार के बीच संघर्ष विराम के एक हफ्ते बाद गुरुवार शाम को ड्रोन स्ट्राइक हुई, जिसमें आतंकवादियों ने इस्लामाबाद पर अपने लड़ाकों को मारने का आरोप लगाया.
बाल-बाल बचा पाकिस्तान तालिबान कमांडर
बताया जाता है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान एक अलग गुट है लेकिन अफगानिस्तान के नए नेताओं के साथ इनकी सांठगांठ है. 2007 में टीटीपी के गठन के बाद इस संगठन ने पाकिस्तान में भीषण हिंसा की थी. अफगानिस्तान में वर्तमान में टीटीपी सूत्रों ने मीडिया को बताया कि मौलवी फकीर मोहम्मद पाकिस्तान की सीमा से लगे पूर्वी प्रांत कुनार के चौगाम गांव में ड्रोन हमले का टारगेट था. एक सूत्र ने कहा कि मौलवी फकीर मोहम्मद उस समय मौजूद नहीं थे. जबकि इस ड्रोन हमले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के दो लड़ाके घायल हो गए.
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अमेरिका समर्थित सरकार ने पहले किया था गिरफ्तार
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के टीटीपी लड़ाके अफगानिस्तान के साथ सीमा पार कर उस इलाके का इस्तेमाल ठिकाने के तौर पर कर रहे थे. मोहम्मद को पिछली अमेरिकी समर्थित काबुल सरकार ने गिरफ्तार किया था और अफगानिस्तान की कुख्यात बगराम जेल में वर्षों बिताए थे, लेकिन अगस्त में तालिबान के आने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था. हालांकि ये साफ नहीं है गुरुवार के हमले के लिए कौन जिम्मेदार था, लेकिन पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों ने पहले मानव रहित हवाई उपकरणों का इस्तेमाल इस क्षेत्र में हत्याओं को अंजाम देने के लिए किया है.
अफगान तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने काबुल से मीडिया को बताया कि यह हमला जमीन से दागा गया एक विस्फोटक था. टीटीपी 14 साल पहले उभरा और उस पर लगातार पाकिस्तानी सरकारों द्वारा लगभग 70,000 हत्याओं का आरोप लगाया गया. फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबान की जीत के बाद पाकिस्तान अब टीटीपी की वापसी को रोकने की कोशिश में जुटा है.