Russia Luna-25 Moon Mission: अंतरिक्ष में भेजे गए रूस के मून मिशन को तगड़ा झटका लगा है. दरअसल, चांद की सतह पर उतरने से पहले लूना-25 क्रैश हो गया है. यह खबर समूचे रूस के लिए सदमे की तरह है. लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर इस मिशन पर काम कर रहे एक वैज्ञानिक पर पड़ा है. इंडिपेंडेंट  की रिपोर्ट के अनुसार,  लूना-25 के क्रैश होने के तुरंत बाद रूस के प्रमुख भौतिकविद और खगोलविदों में से एक को मॉस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 


 रिपोर्ट के अनुसार, 90 वर्षीय मिखाइल मारोव की मिशन की विफलता के बाद तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. खगोलशास्त्री ने समाचार चैनल आरबीसी और मोस्कोवस्की कोम्सोमोलेट्स अखबार को बताया कि लूना-25 के क्रैश की खबर किसी सदमे की तरह थी, जिससे उनके स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है. 


सदमें में हैं रूसी वैज्ञानिक 


मॉस्को में क्रेमलिन के पास स्थित सेंट्रल क्लिनिकल अस्पताल में भर्ती मिखाइल मारोव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि 'मैं डॉक्टरों की निगरानी में हूं. मैं चिंता कैसे नहीं कर सकता, यह काफी हद तक जीवन का मामला है. मेरे लिए यह सब बहुत कठिन है.' अस्पताल में भर्ती वैज्ञानिक ने सोवियत संघ के लिए पिछले अंतरिक्ष अभियानों पर काम किया था और लूना-25 मिशन को अपने जीवन के सबसे बड़े मिशन के रूप में बताया था. मिखाइल मारोव ने लूना-25 क्रैश होने पर दुख जताते हुए कहा कि यह दुखद है कि यान को उतारना संभव नहीं हो सका. मेरे लिए, शायद, यह हमारे चंद्र कार्यक्रम के फिर से जागते हुए देखने की आखिरी उम्मीद थी. 


20 अगस्त को क्रैश हुआ था लूना-25


उन्होंने आगे कहा कि उम्मीद है कि दुर्घटना के पीछे के कारणों पर चर्चा की जाएगी और कड़ाई से जांच की जाएगी. गौरतलब है कि लूना-25 की विफलता पर रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने 20 अगस्त को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि अंतरिक्ष यान नियंत्रण खोकर चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.


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