नई दिल्ली: भारत ने अमेरिका के 29 प्रोडक्सट्स पर ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया है. ये फैसाल अमेरिका के उस कदम के बाद लिया गया जिसके तहत ट्रंप के देश ने भारत से वहां पहुंचने वाले स्टील और एल्युमिनियन पर ज़्यादा शुल्क लगाने का फैसला लिया था.
भारत को मिलेगा 240 मिलियन डॉलर
बढ़ाई गई ड्यूटी चार अगस्त से प्रभाव में आएगी जिससे भारत को 240 मिलियन डॉलर (16,27,56,00,000 रुपए) का रेवेन्यू मिलेगा. भारत ने जिन अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है उनमें सेब, बादाम, अखरोट और स्टेनलेस स्टील के उत्पाद शामिल हैं.
'हार्ले डेविडसन' पर 100% ड्यूटी से खफा ट्रंप
वहीं, हाई-एंड मोटरसाइकल के शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है. ट्रंप को भारत के मामले में जो चीज़ सबसे ज़्यादा खटकती आई है वो अमेरिका की 'हार्ले डेविडसन' जैसी बाइक है. ट्रंप के मुताबिक भारत द्वारा इनपर लगाई जाने वाली 100% ड्यूटी की वजह से उनको लगता है कि अमेरिका को भारत के खिलाफ व्यापार से जुड़े कदम उठाने चाहिए.
भारत ने WTO को सौंपी थी 30 आइट्म्स की लिस्ट
भारत ने पिछले हफ्ते WTO को इन 30 आइट्म्स की लिस्ट सौंपी थी जिस पर देश 50% तक शुल्क बढ़ाने की तैयारी में था. भारत ने ये फैसाल अमेरिका के उस फैसले के खिलाफ लिया था जिसके तहत अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर ड्यूटी बढ़ाई थी.
बातचीत से मसले के सुलझने की उम्मीद
अमेरिका ने जो ड्यूटी बढ़ाई थी उससे भारत को करीब 241 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था. व्यापार विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि ताज़ा शुल्क अगस्त से लागू होंगे. ये समय इसलिए लिया गया है ताकि अमेरिका बातचीत के जरिए भारत के साथ इस मसले को सुलझा सके.
भारत-अमेरिका के बीच होनी है 2+2 वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच पहली 2+2 वार्ता, यानी एक साथ दोनों मुल्कों के रक्षा और विदेश मंत्रियों की बातचीत, 6 जुलाई को वॉशिंगटन में होगी. रणनीतिक साझेदार दोनों देशों के बीच इस वार्ता में सामरिक सहयोग के अलावा क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा होगी. इस दौरान ट्रंड वॉर के मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाए जाने की संभावना है.
ट्रंप ने दुनिया के साथ छेड़ा है व्यापार युद्ध
आपको बता दें कि दुनिया के बड़े देशों के बीच ट्रेड वॉर यानी व्यापारिक युद्ध छिड़ा हुआ है. दरअसल ये हालात इसलिए पैदा हुए क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ऐसा लगता है कि दुनिया के बड़े देश व्यापार के मामले में अमेरिका के साथ गलत कर रहे हैं.
चीन पर पड़ी है सबसे बड़ी मार
अमेरिका फर्स्ट की नीति के तहत ट्रंप ने इसे ठीक करने का फैसला लिया. ये उनके चुनावी कैंपेन का भी हिस्सा था. ट्रंप ने इसकी शुरुआत चीन से की जिसके कई उत्पादों पर उन्होंने भारी शुल्क लगा दिया जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका के खिलाफ ऐसे ही कदम उठाए हैं. अमेरिका अब तक चीन पर 450 बिलियन डॉलर का शुल्क लगा चुका है.
ट्रंप का ये ट्रेड वॉर अमेरिका के कट्टर प्रतिद्वंदी चीन तक ही नहीं रुका बल्कि G7 के दौरान इसने कनाडा और यूरोप जैसे अमेरिका के मित्र देशों को भी अपना शिकार बनाया. भारत के खिलाफ अमेरिका मार्च महीने में ही कदम उठा चुका है, इसी के जावब में भारत ने अमेरिका के 29 प्रोडक्सट्स पर ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया है.