ट्रेन हाईजैक करने वाली बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को लगा बड़ा झटका, चीफ बशीर जेब की गोली मारकर हत्या
Bashir Zeb Shot Dead: बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) को एक बड़ा झटका लगा है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के प्रमुख बशीर जेब की इराक में हत्या कर दी गई है.

Bashir Zeb Shot Dead: बलूचिस्तान के सुनसान क्षेत्र बोलन में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस को अगवा कर पूरी दुनिया को चौंका दिया. इस ट्रेन में लगभग 440 यात्री सवार थे. ट्रेन का अपहरण उस समय हुआ जब यह बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी क्वेटा से उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी.
इसी बीच बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) को एक बड़ा झटका लगा है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के प्रमुख बशीर जेब की इराक में हत्या कर दी गई. दो दिन पहले ही बशीर जेब ने कहा था कि उन्हें वहां बिना किसी को पता चले मार दिया जाएगा. उन्हें ठीक उसी जगह गोली मारी गई, जहां वो छिपे हुए थे.
2018 में मिली थी कमान
जेब को 2018 में बीएलए की कमान सौंपी गई थी. प्रमुख बनने से पहले वह संगठन की कोर कमेटी के प्रमुख सदस्य थे. उनके नेतृत्व में बलूचिस्तान में बीएलए की गतिविधियां तेज हो गईं, जिससे पूरे क्षेत्र में इसकी मौजूदगी और प्रभाव बढ़ गया. यहां तक कि पाकिस्तान के बड़े नेताओं को भी स्वीकार करना पड़ा कि बलूचिस्तान पर से सरकार का नियंत्रण धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है.
पिता हैं डॉक्टर
बशीर जेब के पिता बलूचिस्तान के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं. उनका घर प्रांतीय राजधानी क्वेटा से लगभग 145 किलोमीटर पूर्व में स्थित नुश्की कस्बे में है. जेब मुहम्मद हसनी जनजाति से ताल्लुक रखते हैं, जो दक्षिणी बलूचिस्तान के कई जिलों में फैली सबसे बड़ी जनजातियों में से एक है.
जेब के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा क्वेटा के डिग्री कॉलेज से पूरी की. 2012 में, वह बीएलए के "आजाद मिशन" के तहत संगठन से जुड़े और तब से इसी संगठन में सक्रिय रूप से काम कर रहे थे.
जेब के आने के बाद बीएलए हुआ था मजबूत
प्रमुख बनने के बाद बशीर जेब ने आत्मघाती हमलावरों को तैयार किया, जिसमें खास तौर पर बलूच महिलाओं को शामिल किया गया. ये महिलाएं बुर्के के नीचे बम से लैस जैकेट पहनकर हमलों को अंजाम देती हैं. जेब के नेतृत्व में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने न केवल पाकिस्तानी सेना पर हमले किए, बल्कि चीनी सैनिकों को भी निशाना बनाया. उसकी तालिबान से भी करीबी संबंध रहे, जिससे पाकिस्तान की सेना इस इलाके में खुद को असहाय महसूस कर रही है.
इसके अलावा जेब ने बीएलए में नए और शिक्षित युवाओं को शामिल किया, जिससे संगठन पहले से ज्यादा ताकतवर हो गया. इस बदलाव के चलते अब पाकिस्तान की सेना को बीएलए के मुकाबले में लगातार पीछे हटना पड़ रहा है.
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