(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Baisakhi celebrations: 7 साल बाद बैसाखी समारोह में शामिल हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, इससे पहले हुआ था भारत के साथ विवाद
Baisakhi celebrations In Toronto: 2017 के टोरंटो खालसा दिवस समारोह में जस्टिन ट्रूडो के शामिल होने पर भारत ने नाराजगी जाहिर की थी. तब खालिस्तानी झंडे, जरनैल सिंह भिंडरांवाले के पोस्टर लगे हुए थे.
Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सात साल के अंतराल के बाद रविवार को टोरंटो के बैसाखी नगर कीर्तन में शामिल हुए. इस दौरान पीएम ने टोरंटो शहर के नाथन फिलिप्स स्क्वायर में एकत्रित भीड़ को सम्बोधित भी किया. हालांकि उनका सम्बोधन केवल चार मिनट का ही रहा. पीएम के साथ बैसाखी नगर कीर्तन कार्यक्रम में हरजीत सज्जन और उमर अलगबरा सहित कैबिनेट के अन्य मंत्री भी सम्मलित हुए.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने साखी नगर कीर्तन में कहा कि मुझे यह याद है कि मैंने कुछ साल पहले टोरंटो खालसा दिवस परेड में भाग लिया था. इसके बाद मैं देश भर में घूमता रहा हूं. यहां टोरंटो, ओंटारियो और पूरे देश में बैसाखी समारोह में जाना मेरे लिए हमेशा सुखद रहा है. इस कार्यक्रम में पीएम और उनके कैबिनेट सहयोगियों के साथ-साथ ग्रेटर टोरंटो के प्रमुख लोग और जीटीए के लिबरल पार्टी के सांसद भी शामिल रहे. गौरतलब है कि ट्रूडो आखिरी बार 2017 में टोरंटो खालसा दिवस समारोह में उपस्थित हुए थे.
भारत से फ्लाइट बढ़ाने को लेकर कही बात
ट्रूडो ने अपने संक्षिप्त भाषण के दौरान भारत सरकार का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले साल और अधिक उड़ानें जोड़ने के लिए नई दिल्ली के साथ एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इसके साथ ही उन्होंने कनाडा से डायरेक्ट अमृतसर के लिए फ्लाइट की बात की.
2017 में शामिल हुए थे जस्टिन ट्रूडो
2017 के टोरंटो खालसा दिवस समारोह में जस्टिन ट्रूडो के शामिल होने पर भारत ने नाराजगी जाहिर की थी. क्योंकि तब कार्यक्रम में खालिस्तानी झंडे, जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लगे हुए थे. इसी दौरान अप्रैल में ओंटारियो विधानसभा में एक प्रस्ताव को ले जाने का जश्न मनाया था, जिसमें 1984 में हुए दंगे को सिख विरोधी करार दिया गया था. बता दें कि 2005 में पॉल मार्टिन के बाद इस समारोह में शामिल होने वाले ट्रूडो पहले पीएम थे.
2017 के टोरंटो खालसा दिवस समारोह में ट्रूडो जिस मंच से भाषण दे रहे थे, उसके सामने खालिस्तान के कुछ झंडे दिखाई दे रहे थे. जिस पर भारत ने आपत्ति जाहिर की थी. मालूम हो कि खालसा दिवस 1699 में गुरु गोबिंद सिंह द्वारा खालसा आदेश की स्थापना का प्रतीक है.
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